अभाविप ने विश्वविद्यालय को दिया 48 घंटे का अल्टीमेटम

विश्वविद्यालय की समस्याओं को लेकर किया प्रदर्शन परिणाम परीक्षा और कोर्स को लेकर परीक्षा नियंत्रक को दिया ज्ञापन

By JagranEdited By: Publish:Mon, 04 Oct 2021 08:12 PM (IST) Updated:Mon, 04 Oct 2021 08:12 PM (IST)
अभाविप ने विश्वविद्यालय को दिया 48 घंटे का अल्टीमेटम
अभाविप ने विश्वविद्यालय को दिया 48 घंटे का अल्टीमेटम

आगरा, जागरण संवाददाता। डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय में छात्रों को होने वाली समस्याओं के खिलाफ अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने सोमवार को विश्वविद्यालय परिसर में प्रदर्शन किया। नारेबाजी की, धरना दिया और विश्वविद्यालय को समस्याएं खत्म करने के लिए 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया।

अभाविप बीएससी नर्सिंग के छात्रों का मुद्दे को उठाते हुए कहा कि छात्रों को प्रवेश लिए दो साल से अधिक का समय बीत चुका है, पर अभी तक प्रथम वर्ष की परीक्षा भी नहीं हुई है। इसके अलावा छात्रों के परिणाम में एमडबल्यू (मा‌र्क्स नाट रिसीवड) की समस्या है। अधिकतर छात्रों को फेल भी कर दिया गया है। पीएचडी की प्रवेश प्रक्रिया जल्द शुरू हो। कालेजों में स्नातक पाठ्यक्रमों में सीट वृद्धि, परिणाम घोषित कर समय से अंकतालिकाएं उपलब्ध कराई जाने की मांग उठाई। अभाविप ने नवीन कोर्स जैसे अंग्रेजी, विधि, शिक्षा शास्त्र, बीएड आदि विश्वविद्यालय परिसर में शुरू करने की मांग भी की। परीक्षा नियंत्रक अजय कृष्ण यादव को ज्ञापन सौंपते हुए 48 घंटे में समस्याएं खत्म करने का अल्टीमेटम दिया। उसके बाद उग्र आंदोलन किया जाएगा। इस दौरान अभाविप की केंद्रीय कार्यसमिति सदस्य प्रियंका तिवारी,महानगर मंत्री शुभम कश्यप, प्रांत कार्यालय मंत्री रमन शर्मा,महानगर विस्तारक आकाश ठाकुर, दीपू बघेल, आर्यन,आदित्य आदि उपस्थित थे।

परिषदीय शिक्षकों की समस्याओं को उठाकर की समाधान की मांग

आगरा, जागरण संवाददाता। परिषदीय शिक्षकों की लंबित समस्याओं को लेकर उप्र प्राथमिक शिक्षक संघ ने सोमवार को कलक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया। संगठन के राष्ट्रीय व प्रदेश नेतृत्व के आह्वान पर संगठन ने मुख्यमंत्री के नाम संबोधित ज्ञापन संयुक्त मजिस्ट्रेट प्रीति जैन को सौंपा।

प्रदेश संगठन मंत्री बृजेश दीक्षित ने कहा कि शिक्षकों की लंबित समस्याओं के निस्तारण की मांग कई बार उठाई गई, लेकिन शासन व विभागीय उच्चाधिकारियों ने उनके निस्तारण व समाधान के लिए कुछ नहीं किया। इससे शिक्षकों में सरकार व विभागीय कार्यप्रणाली को लेकर रोष है। संगठन ने ज्ञापन के माध्यम से पुरानी पेंशन बहाली, डीबीटी एप पर फीडिग और बीएलओ ड्यूटी सहित 36 प्रकार के गैर शैक्षणिक कार्यों से मुक्ति दिलाने, विद्यालयों में शैक्षिक गुणवत्ता बढ़ाने, एक दिसंबर 2008 के बाद पदोन्नत प्राथमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यापक व पूर्व माध्यमिक विद्यालयों के सहायक अध्यापकों को न्यूनतम वेतनमान देने, शिक्षकों को कैशलैस चिकित्सा सुविधा देने, मृतक आश्रितों को योग्यतानुसार नियुक्ति व मृतक आश्रित नियुक्त चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को योग्यतानुसार उच्चीकृत कर समायोजित करने, शिक्षा मित्रों व अनुदेशकों को शिक्षक पद पर समायोजित करने, अंतरजनपदीय स्थानान्तरण, जिलास्तरीय स्थानांतरण व शिक्षक पदोन्नति प्रक्रिया जल्द शुरू करने की मांग की गई। जिलाध्यक्ष धर्मेन्द्र कसाना ने मांगें पूरी न होने पर सड़क पर उतरकर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी। इस दौरान चंद्रकांत गालब, ओमवीर डागुर, मुनेंद्र राठौर, राकेश त्यागी, राजेंद्र त्यागी, हरेंद्र वर्मा, रविद्र बघेल, भनवीर सिंह, मनोज शर्मा आदि मौजूद रहे।

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