Fraud: आगरा में ट्रेजरी अफसर बनकर सेवानिवृत्त दारोगा के खाते से पार किए 7.36 लाख रुपये

सदमे में आए सेवानिवृत्त दारोगा। अस्पताल में कराए गए भर्ती। नेट बैंकिंग चालू करके निकाल ली साइबर शातिरों ने रकम। खाते से रकम निकलने की जानकारी होने पर सेवानिवृत्त दारोगा की हालत बिगड़ गई। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

By Nirlosh KumarEdited By: Publish:Mon, 20 Sep 2021 03:46 PM (IST) Updated:Mon, 20 Sep 2021 03:46 PM (IST)
Fraud: आगरा में ट्रेजरी अफसर बनकर सेवानिवृत्त दारोगा के खाते से पार किए 7.36 लाख रुपये
सेवानिवृत्त दारोगा के खाते से पार किए 7.36 लाख रुपये।

आगरा, जागरण संवाददाता। ट्रेजरी अफसर बनकर साइबर शातिरों ने सेवानिवृत्त दारोगा को जाल में फंसा लिया। काॅल करके एटीएम कार्ड की जानकारी लेने के बाद खाते में नेट बैंकिंग चालू कर ली। इसके बाद खाते से 7.36 लाख रुपये पार कर लिए। खाते से रकम निकलने की जानकारी होने पर सेवानिवृत्त दारोगा की हालत बिगड़ गई। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

मूलरूप से मैनपुरी के बेबर निवासी राज बहादुर सिंह 31 अगस्त, 2019 को दरोगा के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। वे परिवार समेत एत्माद्दौला के कालिंदी विहार की नंदा कालोनी में रहते हैं। उनका खाता भारतीय स्टेट बैंक की शाखा में है। राजबहादुर सिंह के मोबाइल पर शनिवार दोपहर काॅल आई। कॉल करने वाले ने खुद को ट्रेजरी ऑफिसर बताया। कहा कि आपके खाते का आॅनलाइन नवीनीकरण किया जा रहा है। उनकी जन्मतिथि, नौकरी में आने और सेवानिवृत्ति की तिथि बताई। इस पर राजबहादुर को विश्वास हो गया। उनसे कहा कि अपनी बैंक की पासबुक और आधार कार्ड की फोटो वाट्सएप पर भेज दो। एटीएम कार्ड के आखिरी के चार नंबर बता दो। राजबहादुर ने मोबाइल पर जानकारी दे दी। थोड़ी देर बाद ही उनके खाते से 7.36 लाख रुपये निकल गए। उन्होंने पुलिस से शिकायत की है। खाते से रकम निकालने की जानकारी पर राजबहादुर सदमे में आ गए। परिवार के लोगों ने उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया। इलाज के बाद उनकी हालत में सुधार हो गया। उनके बेटे ने बैंक में शिकायत की। वहां से उन्हें पुलिस के पास भेज दिया गया।

पहले भी पुलिसकर्मियों से ठगी कर चुका है गैंग

ट्रेजरी ऑफिसर बनकर ठगी करने वाला साइबर शातिरों का गैंग पहले भी सेवानिवृत्त पुलिसकर्मियों को शिकार बना चुका है। रेंज साइबर सेल ने मामले की जांच की थी। प्रारंभिक जांच में यह गैंग बाहर का होने की आशंका जताई गई। गैंग का पर्दाफाश नहीं हो सका है।

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