आगरा में मणप्पुरम गोल्ड लोन कंपनी में जेवरात गिरवी रखने वाले 600 ग्राहकों की उड़ी हुई है नींद
लूटे गए जेवरात बदमाशों द्वारा सराफा कारोबारियों से गलवाने की आशंका। ग्राहकों की बढ़ी चिंता अभी 4.50 किलोग्राम जेवरात नहीं हुए हैं बरामद। अधिकांश ग्राहक ऐसे हैं जिन्होंने काेरोना काल में आए आर्थिक संकट से उबरने के लिए अपने जेवरात गिरवी रखे थे। इनमें बड़ी संख्या महिलाओं की है।
आगरा, जागरण संवाददाता। मणप्पुरम गोल्ड लोन फाइनेंस कंपनी से 19 किलोग्राम सोने के जेवरात लूटने का मुकदमा दर्ज कराया गया था। मगर, पुलिस को शाखा के लाकर चेक करने पर करीब साढ़े तीन किलोग्राम जेवरात वहीं रखे मिले। डकैती के दौरान बदमाश 15.50 किलोग्राम जेवरात लूटकर ले गए थे। बदमाशों द्वारा लूटा गया सोना सराफा कारोबारियों से गलवाने की आशंका ने ग्राहकों की नींद उड़ा दी है। उन्हें अपने जेवरात सुरक्षित वापस मिलने की चिंता सताने लगी है।
कमला नगर में मणप्पुरम गोल्ड लोन फाइनेंस कंपनी में करीब 600 ग्राहकों के जेवरात गिरवी रखे थे। अधिकांश ग्राहक ऐसे हैं जिन्होंने काेरोना काल में आए आर्थिक संकट से उबरने के लिए अपने जेवरात गिरवी रखे थे। इनमें बड़ी संख्या उन महिलाओं की है, जिन्होंने अपने परिवार और सगे संबंधी की जानकारी के बिना जेवरात गिरवी रखे थे। इसीलिए यह महिलाएं डकैती के बाद भी शाखा पर नहीं पहुंची। उन्हें डर था कि इससे सगे संबंधियों और परिवार के लोगों को जेवरात गिरवी रखने का पता चल जाएगा। सबसे ज्यादा चिंतित यही महिलाएं हैं।
पुलिस ने मुठभेड़ में मारे गए बदमाशों मनीष पांडेय और निर्दोष से करीब साढ़े सात किलो सोना बरामद किया था। जबकि एक किलोग्राम सोने के जेवरात संतोष और इतने ही जेवरात अंशुल से बरामद किए हैं। सरगना नरेंद्र और रेनू पंडित के पास करीब साढ़े छह किलोग्राम सोने के जेवरात अभी हैं। इनमें सरगना नरेंद्र उर्फ लाला के पास करीब चार किलोग्राम जेवरात बताए जा रहे हैं। हालांकि सोमवार तड़के पुलिस ने मुठभेड़ में अविनाश उर्फ रेनू पंडित को भी गिरफ्तार कर लिया है और उसके पास से दो किलोग्राम सोना बरामद हो गया है। अब भी लूटे गए सोने का एक बड़ा हिस्सा फरार बदमाश नरेंद्र उर्फ लाला के पास है। रेनू पंडित अभी अस्पताल में है। इससे भी पुलिस पूछताछ करेगी और नरेंद्र का सुराग लगाएगी।
कमला नगर गोल्ड लोन कंपनी के कमला नगर शाखा के प्रबंधक विजय कुमार ने बताया कि गिरवी रखे गए सभी ग्राहकों के आभूषणों की बीमा है। इसलिए उन्हें परेशान होने की जरूरत नहीं है। अगर जेवरात का पता नहीं लग पाता है या उनकी वसूली नहीं हो पाती है तो हमारे पास ग्राहकों को बराबर मात्रा में जेवरात देकर क्षतिपूर्ति करने की नीति है।