सलाखों के पीछे सिसकते सैकड़ों बचपन
प्रदेश की जेलों में महिलाओं के साथ कैद हैं 459 बचे अधिकांश महिला बंदी दहेज हत्या के आरोप में निरुद्ध
आगरा, (अली अब्बास) करे कोई खता, पाए कोई सजा। प्रदेश की जेलों में कैद 459 बच्चों पर पंक्तियां सही साबित होती हैं। नवजात से लेकर छह वर्ष तक की आयु के यह बच्चे अपने बड़ों के गुनाह की सजा काटने को मजबूर हैं। सलाखों के पीछे उनका बचपन नन्हे से आकाश के तले सिसक रहा है। बाहर की दुनिया और वहां के लोग उनके लिए परी देश की कहानी सरीखे ही हैं।
नियमानुसार छह वर्ष की आयु तक के बच्चे जेल में अपनी मां के साथ रह सकते हैं। परिवार में कोई जिम्मेदार न होने के चलते इन बच्चों को अपनी माताओं के साथ जेल मे रहना पड़ रहा है। बच्चों वाली ये अधिकांश महिला बंदी दहेज हत्या के आरोप में निरुद्ध हैं। जिला जेल ने पेश की मिसाल
जिला जेल अधीक्षक शशिकांत मिश्रा ने तीन वर्ष पहले शहर की समाजसेवी संस्थाओं की मदद से महिला बंदियों के छह बच्चों का शहर के प्रतिष्ठित अंग्रेजी माध्यम स्कूल में दाखिला कराया। स्कूल ने शिक्षा के अधिकार के तहत उन्हें प्रवेश दिया। संस्थाओं ने बच्चों की ड्रेस और कापी-किताबों की जिम्मेदारी ली। इस प्रयास ने अन्य महिला बंदियों को भी अपने बच्चों को पढ़ाने के लिए प्रेरित किया।
महत्वपूर्ण तथ्य
-1148 सजायाफ्ता महिला बंदी निरुद्ध हैं प्रदेश की जेलों में ।
-72 बच्चे हैं सजायाफ्ता महिला बंदियों के साथ, इनमें 34 लड़कियां और 38 बालक हैं।
-3387 है विचाराधीन महिला बंदी हैं यूपी की जेलों में।
-387 बच्चे हैं इनके साथ रहने वाले, इनमें 196 लड़कियां और 191 बालक हैं।
(नोट: आंकड़े 31 दिसंबर 2020 तक के हैं, जो कि कारागार प्रशासन द्वारा जारी होने वाले जेलों में मासिक जनसंख्या विवरण से लिए गए हैं।) वर्जन
कारागार प्रशासन महिला बंदियों के साथ रहने वाले बच्चों के स्वास्थ्य और शिक्षा पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। इसके लिए मंडल की जेलों को टीकाकारण कार्ड की तरह बच्चों का हेल्थ कार्ड बनाने की कहा गया है। जिससे हर महीने उनका वजन, वृद्धि और आंखों आदि का नियमित परीक्षण किया जा सके। चार वर्ष तक के बच्चों को प्ले ग्रुप की तरह जेल में ही पढ़ाने की व्यवस्था है। इसमें उच्च शिक्षित महिला बंदियों की मदद ली जाती है। इससे अधिक आयु के बच्चों को अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में प्रवेश दिलाने की व्यवस्था की गई है।
अखिलेश कुमार, डीआइजी कारागार आगरा एवं मेरठ मंडल