Agra Central Jail: केंद्रीय कारागार के 239 सजायाफ्ता बंदियों काे बंधी पेरोल की उम्मीद
Agra Central Jail जेल-प्रशासन ने 90 दिन के पेरोल के लिए शासन को भेजी सूची। सूची में शामिल 216 सजायाफ्ता बंदियों की उम्र 65 साल व उससे अधिक। केंद्रीय कारागार में वर्तमान में 1800 बंदी निरुद्ध हैं। जबकि जेल की क्षमता 1350 बंदियों की है।
आगरा, जागरण संवाददाता। केंद्रीय कारागार में निरुद्ध 239 बंदियों को पेरोल तीन महीने के पेरोल की उम्मीद बंधी है। जेल प्रशासन ने पेरोल पर रिहा करने के लिए 239 बंदियों की सूची शासन को भेजी है। कोरोना संक्रमण के प्रकाेप को लेकर पिछले वर्ष भी कई सजायाफ्ता बंदियों को पेरोल पर रिहा किया गया था। जिन बंदियों की सूची भेजी गई है, इनमें 216 बंदी 65 साल व उससे अधिक आयु के हैं।
सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय इलाहाबाद की हाई पावर कमेटी ने जेलों में निरुद्ध सजायाफ्ता बंदियों को पेराेल पर रिहा करने के दिशा-निर्देश दिए हैं। जिला जेल में सात साल तक की सजा वाले सजायाफ्ता और विचाराधीन बंदियों को पेरोल एवं अंतरिम जमानत पर रिहा करने की प्रक्रिया जारी है। अब तक 100 से ज्यादा बंदी रिहा किए जा चुके हैं। वहीं, डीजी जेल आनंद कुमार के निर्देश पर आगरा केंद्रीय कारागार से आजीवन कारावास की सजा पाने वाले 239 बंदियों की सूची भेजी गई है। इन बंदियों को 90 दिन के पेरोल पर रिहा किया जा सकता है।
वरिष्ठ अधीक्षक केंद्रीय कारागार वीके सिंह के अनुसार जिन बंदियों की सूची भेजी गई है, इनमें 239 बंदी 65 साल व उससे अधिक आयु के हैं। जबकि चार बंदी गंभीर बीमारी से ग्रसित हैं। इसके अलावा दो बंदी सात साल के कारावास वाले हैं। सूची सिर्फ उन्हीं बंदियों की भेजी गई है, जिनका जेल में रहने के दौरान आचरण अच्छा रहा है।
जेल में निरुद्ध हैं 1800 बंदी
केंद्रीय कारागार में वर्तमान में 1800 बंदी निरुद्ध हैं। जबकि जेल की क्षमता 1350 बंदियों की है। इसके चलते बैरकों में क्षमता से अधिक बंदी निरुद्ध हैं। जबकि कोरोना संक्रमण के बचने के लिए दो गज की दूरी जरूरी है। हालांकि जेल प्रशासन द्वारा बंदियों की नियमित जांच कराई जाती है। इसके अलावा 60 साल की उम्र से ज्यादा वाले सभी बंदियों को वैक्सीन लगवाई जा चुकी है। यदि 239 बंदियों को 90 दिन के पेरोल पर रिहा किया जाता है तो यहां 1600 से भी कम बंदी रह जाएंगे।
परिहार्य व अपरिहार्य सजा वाले बंदी शामिल
जेल प्रशासन ने जिन बंदियों की सूची शासन को भेजी है, उसमें अपरिहार्य व परिहार्य दोनों की तरह की सजा काट रहे बंदी है।