ATP Finals के चैंपियन बने डेनिल मेदवेदेव, जीता करियर में सबसे बड़ा खिताब

ATP Finals 2020 Winner रूस के डेनिल मेदवेदेव ने अपने करियर का सबसे बड़ा खिताब जीत लिया है। मेदवेदेव ने ऑस्टि्रया के धाकड़ खिलाड़ी डोमिनिक थिएम को कड़े मुकाबले में शिकस्त देकर एटीपी फाइनल्स टेनिस टूर्नामेंट जीता है।

By Vikash GaurEdited By: Publish:Mon, 23 Nov 2020 07:41 PM (IST) Updated:Mon, 23 Nov 2020 07:41 PM (IST)
ATP Finals के चैंपियन बने डेनिल मेदवेदेव, जीता करियर में सबसे बड़ा खिताब
daniil medvedev Wins Final of ATP Finals AP Photo

लंदन, एपी। रूस के डेनिल मेदवेदेव ने ऑस्टि्रयाई खिलाड़ी डोमिनिक थिएम को कड़े मुकाबले में शिकस्त देकर एटीपी फाइनल्स टेनिस टूर्नामेंट के रूप में अपने करियर का सबसे बड़ा खिताब जीत लिया। 24 साल के मेदवेदेव ने दो घंटे 44 मिनट तक चले मैच में पहला सेट गंवाने के बाद जोरदार वापसी करते हुए रविवार को हुए फाइनल में यूएस ओपन चैंपियन और विश्व के तीसरे नंबर के खिलाड़ी थिएम को 4-6, 7-6, 6-4 से मात दी।

उम्मीद की जा रही थी कि 20 बार के ग्रैंडस्लैम विजेता रोजर फेडरर के नहीं होने से इस टूर्नामेंट का खिताब मुकाबला भी राफेल नडाल बनाम नोवाक जोकोविक के बीच होगा, लेकिन मेदवेदेव ने नडाल और थिएम ने जोकोविक जैसे दिग्गज खिलाड़ियों को सेमीफाइनल में शिकस्त देकर खिताबी मुकाबले में जगह बनाई। अब खिताब का दावेदार थिएम को माना जा रहा था कि लेकिन रूसी खिलाड़ी के पावरफुल शॉट का जवाब ऑस्टि्रयाई खिलाड़ी के पास नहीं था और यह खिताब मेदवेदेव ने अपने नाम किया। इसके साथ ही मेदवेदेव ने थिएम का सपना भी तोड़ दिया। थिएम यह खिताब जीतने वाले पहले ऑस्टि्रयाई खिलाड़ी बन सकते थे लेकिन वह ऐसा नहीं कर पाए।

शीर्ष-तीन को रौंदा

विश्व के चौथे नंबर के खिलाड़ी मेदवेदेव ने खिताबी जीत के दौरान विश्व के नंबर एक खिलाड़ी नोवाक जोकोविक और नंबर दो राफेल नडाल को भी शिकस्त दी थी और वह चैंपियनिशप में विश्व रैंकिंग में शीर्ष-तीन पर काबिज खिलाडि़यों को हराने वाले पहले खिलाड़ी बने। वह 1990 से किसी भी प्रतियोगिता में शीर्ष-तीन खिलाडि़यों को हराने वाले सिर्फ चौथे खिलाड़ी हैं।

बढ़ेगी उम्मीद

मेदवेदेव के लिए एटीपी फाइनल्स का खिताब जीतने का सफर आसान नहीं रहा। मेदवेदेव इस टूर्नामेंट में जीत-हार का अंतर 5-0 रहा। इस जीत के बाद मेदवेदेव का अगले सभी ग्रैंडस्लैम टूर्नामेंट के लिए हौसला बढ़ेगा और उम्मीद की जा रही है कि वह अगले स्लैम टूर्नामेंट जीतने के दावेदारों में भी शामिल होंगे। वह अभी तक एक भी ग्रैंडस्लैम टूर्नामेंट नहीं जीत पाए हैं। हालांकि मैच में मेदवेदेव के पावरफुल स्ट्रोक अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने 12 ऐस लगाए जबकि थिएम सिर्फ छह बार ही ऐसा कर सके।

पहले सेट में थिएम भारी

तीसरे वरीय थिएम ने मैच की शुरुआत में आठ ब्रेक प्वाइंट को बचाने में सफलता हासिल की। उन्होंने बेसलाइन से अपनी ताकत और डिफेंस का इस्तेमाल किया, लेकिन वह लगातार खतरों से खेलते रहे और रूसी खिलाड़ी के सामने वापसी नहीं कर पाए। पहले सेट में मेदवेदेव 2-1 से आगे चल रहे थे और थिएम ने चौथा गेम जीतकर स्कोर 2-2 कर दिया। यहां से थिएम ने मेदवेदेव को स्कोर बराबर करने का कोई मौका नहीं दिया और सेट 6-4 से जीत लिया।

टाई ब्रेकर में जीते मेदवेदेव

हालांकि एक सेट से पिछड़ने के बाद मेदवेदेव के हौसले पर कोई असर नहीं पड़ा। उन्होंने टाई ब्रेकर में जाकर जीत हासिल की। मेदवेदेव ने इस सेट का पहला गेम जीतकर अच्छी शुरुआत की थी। लेकिन थिएम ने भी उन्हें चुनौती देते हुए एक समय स्कोर 6-6 से बराबर कर दिया। मेदवेदेव ने फिर अगला गेम जीतकर स्कोर 7-6 किया और सेट को टाई ब्रेकर में ले गए। टाई ब्रेकर में थिएम ने 2-0 की बढ़त बनाई, लेकिन मेदवेदेव ने इसके बाद जोरदार वापसी करके स्कोर 7-2 कर मैच का स्कोर 1-1 से बराबर कर दिया।

पहले मैच प्वाइंट पर जीते मेदवेदेव

तीसरे सेट में मेदवेदेव 1-2 से थिएम से पिछड़ रहे थे, लेकिन उन्होंने फिर वापसी कर स्कोर 2-2 से बराबर करने में ज्यादा देर नहीं लगाई। मेदवेदेव अपनी लय पकड़ चुके थे और उन्होंने ऑस्टि्रयाई खिलाड़ी को स्कोर बराबर करने का कोई मौका नहीं दिया। पहले मैच प्वाइंट पर ही जीत अपने नाम की। कोविड-19 के कारण यह टूर्नामेंट दर्शकों के बिना खेला गया। लंदन में इस टूर्नामेंट का यह 12वां सत्र था और अब इसका अगला सत्र अगले साल तुरिन में होगा।

करियर में अब तक का सबसे बड़ा खिताब जीतने के बाद डेनिल मेदवेदेव ने कहा, "यह खिताब काफी मायने रखता है। यह दर्शाता है कि जब मैं अच्छा खेल रहा हूं, जब मैं मानसिक, शारीरिक रूप से अच्छा महसूस कर रहा हूं तो मैं क्या करने में सक्षम हूं इसलिए मुझे पता है कि मैं क्या करने में सक्षम हूं। बस कुछ और अधिक बार ऐसे नतीजे देने होंगे।" वहीं, डोमिनिक थिएम ने कहा, "मैं निराश हूं, लेकिन साथ ही मैंने पूरे सप्ताह जो प्रदर्शन किया, उस पर मुझे गर्व है। मेदवेदेव हकीकत में इसके हकदार थे।"  

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