Xiaomi और OPPO मिलकर बनाएंगे 5G फोन चिपसेट, Qualcomm जैसी कंपनियों की खत्म होगी बादशाहत

Xiaomi जैसी स्मार्टफोन निर्माता कंपनी के लिए चिपसेट डेवलप करना नया नहीं है। हालांकि कंपनी पिछले कुछ प्रयासों में असफल रही है। इसके लिए अब कंपनी Oppo के साथ मिलकर चिपसेट निर्माण करने जा रही है। ऐसे में कंपनी को चिपसेट के कमी की समस्या का सामना नहीं करना होगा।

By Saurabh VermaEdited By: Publish:Mon, 12 Apr 2021 03:13 PM (IST) Updated:Tue, 13 Apr 2021 07:37 AM (IST)
Xiaomi और OPPO मिलकर बनाएंगे 5G फोन चिपसेट, Qualcomm जैसी कंपनियों की खत्म होगी बादशाहत
यह 5G फोन की प्रतीकात्मक फाइल फोटो है।

नई दिल्ली, टेक डेस्क। Xiaomi की तरफ से इन-हाउस चिपसेट को विकसित किया जा सकता है। Apple, Samsung, Huawei जैसी कंपनियों के खुद के अपने चिपसेट हैं। लेकिन ऐसा नहीं है कि इन कंपनियों की तरफ से Qualcomm जैसी कंपनियों के चिपसेट का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। Xiaomi जैसी स्मार्टफोन निर्माता कंपनी के लिए चिपसेट डेवलप करना नया नहीं है। हालांकि कंपनी पिछले कुछ प्रयासों में असफल रही है। इसके लिए अब कंपनी Oppo के साथ मिलकर चिपसेट निर्माण करने जा रही है। ऐसे में  कंपनी को चिपसेट के कमी की समस्या का सामना नहीं करना होगा।

5G स्मार्टफोन के निर्माण में मिलेगी मदद 

बता दें कि कई बार Xiaomi को चिपसेट में  देरी के चलते प्रोजेक्ट के टालना पड़ा है। Digitimes की रिपोर्ट के मुताबिक दोनों कंपनियां UNISOC के साथ चिपसेट निर्माण करेंगी। इसके तहत स्मार्टफोन के लिए सब -6GHz 5G मॉडम का निर्माण किया जाएगा। चिपसेट के निर्माण से Oppo और Xiaomi जैसी कंपनियां 5G स्मार्टफोन के निर्माण में तेजी ला सकेंगी। इस प्रोजेक्ट में चीन बेस्ड SMIC मदद कर सकती है, जो पहले से 7nm चिपसेट का निर्माण कर रही है।  यह कंपनी मिड-रेंज चिपसेट निर्माण में सक्षम है। 

प्रतिबंध के चलते Huawei नहीं कर पा रही है Kirin चिपसेट का निर्माण 

UNISOC की तरफ से 5G चिपसेट निर्माण के लिए 817.20 मिलियन डॉलर का इंतजाम कर लिया गया है। इस बजट को कंपनी अपने मौजूदा हार्डवेयर लाइनअप का विस्तार करने में इस्तेमाल करेगी। जिसे आमतौर पर Spreadtrum के नाम से जाना जाता है। लेकिन अब UNISOC कंपनी Xiaomi और Oppo के साथ मिलकर नए चिपसेट के निर्माण से Qualcomm, MediaTek और HiSilocon को जोरदार टक्कर देगी। यह साझेदारी UNISOC की Huaweri की सप्लाई के लिए नये रास्ते खोलने का काम करेगी। बता दें कि Huawei मौजूदा वक्त में प्रतिबंद के चलते Kirin चिपसेट का निर्माण नहीं कर पा रही है। 

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