किसान से लेकर आम आदमी तक के लिए सरकार के सात ऐप
पिछले तीन दिनों में प्रधानमंत्री ने खुद की इन ऐप की कई घंटे समीक्षा की है। ये ऐप नीति आयोग की अगुआई में निजी सहभागिता से विकसित किए गए हैं (फोटो साभार Niti Aayog)
नई दिल्ली, राजीव कुमार। कोविड के बाद की जिंदगी को आसान बनाने के लिए सरकार सात एप ला रही है। इन्हें विकसित करने के दौरान किसान, मजदूर एवं आम आदमी को ध्यान में रखा गया है। ये सभी सॉल्यूशन बनकर तैयार हैं और पिछले तीन दिनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद सात घंटे से अधिक समय तक इनकी समीक्षा कर चुके हैं। समीक्षा के दौरान नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत और आइटी व इलेक्ट्रॉनिक्स सचिव भी मौजूद थे। इनमें केवाईसी सेतु, काशी, उन्नति, स्वस्थ, यूलिप, कृषिनीव एवं समशिक्षा जैसे सॉल्यूशन शामिल हैं।
बिना दस्तावेज दिखाए नो योर कस्टमर (केवाईसी) की प्रक्रिया डिजिटल तरीके से पूरी करने के लिए केवाईसी सेतु लाया जा रहा है। मंगलवार को नीति आयोग के ट्वीट में कहा गया कि अगर आपको इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदनी हो तो उन सभी दस्तावेज को फिर से प्रस्तुत करना होता है जो पहले से आपके बैंक के पास हैं। लेकिन अब ऐसा नहीं करना होगा। आपके केवाईसी को डिजिटल तरीके से बिना किसी बाधा के साझा करने के लिए केवाईसी सेतु शुरू किया जा रहा है।
Kashi - Cash over Internet brings seamless, paperless lending to farmers and labourers in just 5 mins. It eliminates intermediaries and enables low cost, zero-touch lending and ensures zero fraud risk. Kashi was reviewed by PM @narendramodi. pic.twitter.com/PJh2rWiHko
काशी (कैश ओवर इंटरनेट) को शुरू करने के बारे में अभी कोई जानकारी साझा नहीं की गई है। नीति आयोग के मुताबिक काशी की मदद से बिना किसी दस्तावेज के किसानों व मजदूरों को बिना झंझट के पांच मिनट में कर्ज मिल सकेगा। इसमें किसी एजेंट या दलाल की कोई भूमिका नहीं होगी और कर्ज के लेन-देन में कोई जोखिम नहीं होगा।
नीति आयोग के ट्वीट के मुताबिक प्रधानमंत्री मोदी ने केवाईसी सेतु और काशी को लेकर कहा, 'इन दोनों प्रोडक्ट को देश के स्ट्रीट वेंडर को सक्षम बनाने की दिशा में काम करने की जरूरत है। अगर हम इन स्ट्रीट वेंडर को पारंपरिक कर्ज से मुक्ति दिलाने में कामयाब हो गए तो कल्पना कीजिए कि कितने लोग गरीबी रेखा से ऊपर आ जाएंगे।' उन्नति एप पर 20 करोड़ श्रमिकों के जीवनयापन के लिए कामकाज की जानकारी होगी जिसके माध्यम से उन्हें काम मिल सकेगा।
स्वस्थ एप की मदद से आसानी से इलाज से लेकर दवा उपलब्ध कराने की सुविधा मिलेगी। यूलिप सॉल्यूशन देश की सप्लाई चेन को पूरी तरह से डिजिटल करने में सहायक होगा तो कृषिनीव कृषि क्षेत्र में किसानों को डिजिटल मदद देगा। वर्चुअल तरीके से पढ़ाई-लिखाई के चलन को बढ़ाने के उद्देश्य से समशिक्षा को विकसित किया गया है।नीति आयोग के मुताबिक इन एप पर डाटा पूर्ण रूप से सुरक्षित रहेगा और किसी थर्ड पार्टी के लिए डाटा उपलब्ध नहीं होगा। ये एप अंग्रेजी, हिंदी और अन्य भाषाओं में होंगे। नीति आयोग की अगुआई में निजी-सार्वजनिक सहभागिता के तहत इन्हें विकसित किया गया है।