Mitron ऐप की Google Play Store पर हुई दोबारा एंट्री

Mitron ऐप की ओनर आईआईटी रुड़की की स्टूडेंट शिबांक अग्रवाल हैं। अग्रवाल ने Mitron का सोर्स कोड पाकिस्तानी कोडिंग कंपनी Qboxus से खरीदा था।

By Renu YadavEdited By: Publish:Fri, 05 Jun 2020 07:06 PM (IST) Updated:Fri, 05 Jun 2020 07:06 PM (IST)
Mitron ऐप की Google Play Store पर हुई दोबारा एंट्री
Mitron ऐप की Google Play Store पर हुई दोबारा एंट्री

नई दिल्ली, टेक डेस्क। Mitron ऐप के मुकाबले में पेश किए गए Mitron ऐप की Google Play Store पर दोबारा एंट्री हो गई है। चीनी शार्ट वीडियो मेकिंग ऐप TikTok की टक्कर में Mitron ऐप को पेश किया गया था, जिसे एक दिन पहले ही Google ने अपनी पॉलिसी के उल्लंघन के चलते सस्पेंड कर दिया था। हालांकि अब Google ने एक नया बयान जारी करके इस मामले में सफाई देते हुए कहा है कि अगर कोई ऐप, यूजर्स को किसी दूसरे ऐप को हटाने को लेकर प्रोत्साहित करता है, तो इसे Gogole की पॉलिसी का उल्लंघन माना जाएगा। हालांकि गूगल ने मामले में सफाई के दूसरे दिन बाद ही Mitron ऐप को बहाल कर दिया।

Google की तरफसे  बीते 2 जून को Mitron ऐप को Google Play Store से सस्पेंड कर दिया गया था। गूगल ने कहा था कि वो अपने प्लेटफॉर्म पर ऐसे किसी ऐप को लिस्ट करने की इजाजत नहीं देता है, जो बिल्कुल दूसरे ऐप की तरह ट्रीटमेंट देता हो। Mitron ऐप को करीब दो माह पहले Google Play Store पर लॉन्च किया गया था, जिस पर एंटी चाइना सेंटीमेंट को भड़काने के आरोप लगे थे और इसे TikTok से मुकाबले के तौर पर देश ऐप के तौर पर प्रचारित किया गया। पिछले हफ्ते Mitron ऐप पर यूजर सिक्योरिटी को लेकर सवाल उठाए गए। ऐसा कहा गया कि इस ऐप पर अटैकर्स आसानी से हमला करके यूजर्स की अहम जानकारी चुका सकते हैं। लेकिन अब कंपनी की तरफ से पेश किए गए नए वर्जन में यूजर सिक्योरिटी को लेकर फिलहाल कोई जानकारी नहीं दी गई है। 

Mitron ऐप के भारत में करीब 50 लाख से ज्यादा डाउनलोड हुए। Mitron ऐप खुद को बेंग्लुरु बेस्ड फ्री शॉर्ट वीडियो और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के तौर पर पेश करता है। इसका यूजर इंटरफेस बिल्कुल TikTok की तरह है। इसके ओनर आईआईटी रुड़की के स्टूडेंट शिबांक अग्रवाल हैं। अग्रवाल ने Mitron का सोर्स कोड पाकिस्तानी कोडिंग कंपनी Qboxus से खरीदा था। इसका पाकिस्तानी वर्जन TicTic है।

(Written By- Saurabh Verma)

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