रिलायंस इंडस्ट्रीज ने बीटी ग्रुप में निवेश की खबरों को किया खारिज, दिया ये बयान

मुकेश अंबनी (Mukesh Ambani) ने यूनाइटेड किंगडम (UK) की टेलिकॉम ग्रुप बीटी (BT) को खरीदने के लिए बोली लगाई है। बीटी ग्रुप को ब्रिटिशन टेलिकॉम के तौर पर जाना जाता है। मुकेश अंबानी के इस कदम को विदेशों में Jio के बढ़ते कदम के तौर पर देखा जा रहा है।

By Saurabh VermaEdited By: Publish:Mon, 29 Nov 2021 09:37 AM (IST) Updated:Mon, 29 Nov 2021 08:11 PM (IST)
रिलायंस इंडस्ट्रीज ने बीटी ग्रुप में निवेश की खबरों को किया खारिज, दिया ये बयान
यह मुकेश अंबानी की ऑफिशियल फाइल फोटो है।

नई दिल्ली, रॉयटर्स। एशिया के सबसे अमीर कारोबारी मुकेश अंबनी (Mukesh Ambani) की तरफ से ब्रिटिश की टेलिकॉम कंपनी में बड़ी हिस्सेदारी खरीददारी की खबरें थी। लेकिन कंपनी ने निवेश की खबरों को सिरे से खारिज कर दिया गया। रिलायंस जियो की तरफ से साफ कर दिया गया है कि बीटी ग्रुप में हिस्सेदारी खरीदने और अधिग्रहण को लेकर चल रही खबरें आधारहीन और मनगढ़ंत हैं। रियायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) यूके की टेलिकॉम कंपनी ब्रिटिश टेलीकॉम (BT) में हिस्सेदारी नहीं खरीदने की कोई योजना नहीं है।

बता दें कि बीटी ग्रुप को ब्रिटिशन टेलिकॉम के तौर पर जाना जाता है। यूके की बीटी टेलिकॉम कंपनी के 419 संस्थागत निवेशकों के शेयर बेचने की खबरें थी। ET की खबर में रिलायंस इंडस्ट्रीज बीटी कंपनी में हिस्सेदारी खरीदने का दावा किया गया था। लेकिन इससे पहले बीटी ग्रुप की तरफ से कंपनी में रणनीतिक हिस्सेदारी बनाने की योजना को रद्द किया जा चुका था। बीटी ग्रुप का कहना था कि वो अपनी योजनाओं को विस्तार देने के लिए खुद फंड करेगी। रिलायंस इंडस्ट्रीज और बीटी ग्रुप के बीच हिस्सेदारी खरीदने को लेकर चर्चा शुरुआती दौर में है। 

क्या है बीटी ग्रुप 

BT ब्रिटेन के सबसे बड़ी टेलिकॉम कंपनी और नेटवर्क प्रोवाइडर्स में से एक है। यह कंपनी दुनिया के करीब 180 देशों में अपनी उपस्थिति मौजूद कराती है। साथ ही यह यूके की फिक्स्ड लाइन टेलिकॉम सर्विस का मौजूदा ऑपरेटर है। यह फाइबर ब्रॉडबैंड, आईपी टीवी, टेलीविजन और खेल प्रसारण और मोबाइल सेवाएं भी प्रदान करती है। 

विदेश में Jio के विस्तार की तैयारी 

मुकेश अंबानी लंबे वक्त से विदेश में Jio के विस्तार की तैयारी में है। यह पहला मौका नहीं है। करीब दो माह पहले रिलायंस ने टी-मोबाइल (T-Mobile) की डच यूनिट को खरीदने के लिए भी बोली लगाई थी। हालांकि वो टी-मोबाइल में हिस्सेदारी खरीदने में नाकाम रहे थी।

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