डिजिटल एड्रेस कोड: अब नहीं डालना होगा घर का पता, बस QR कोड स्कैन से हो जाएगा काम

Digital Address Code नई व्यवस्था में हर मकान का एक अलग कोड होगा। यानी अगर एक बल्डिंग में 50 फ्लैट हैं तो हर फ्लैट का अलग कोड होगा। वहीं अगर एक मकान की दो मंजिल पर दो परिवार रहते हैं तो दो कोड बनेंगे।

By Saurabh VermaEdited By: Publish:Sun, 28 Nov 2021 08:58 AM (IST) Updated:Mon, 29 Nov 2021 07:02 AM (IST)
डिजिटल एड्रेस कोड: अब नहीं डालना होगा घर का पता, बस QR कोड स्कैन से हो जाएगा काम
यह QR कोड की प्रतीकात्मक फाइल फोटो है।

नई दिल्ली, टेक डेस्क। मोदी सरकार की तरफ से देश में डिजिटल एड्रेस कोड (DAC) लाया जा रहा है। यह आपके एड्रेस का आधार लिंक यूनीक कोड होगा। जिससे आने वाले दिनों में ऑनलाइन डिलीवर समेत कई तरह की सुविधाओं में मदद मिलेगी। मौजूदा वक्त में कूरियर या फिर डिलीवरी ब्वॉय सटीक पता होने होने के बाद भी सही लोकेशन तक नहीं पहुंच पाता है। इस काम में  गूगल मैप भी मदद नहीं करता है। लेकिन जल्द ही सरकार की तरफ से देश के हर एक नागरिक को एक यूनीक कोड उपलब्ध कराया जाएगा। इस कोड को आप टाइप करके या फिर क्यूआर कोड की तरह स्कैन करके घर की सटीक लोकेशन हासिल कर पाएंगे। इस तरह बिना एड्रेस फीड किये आपके कई सारे काम इस कोड की मदद से पूरे हो सकेंगे। इस कोड में डिजिटल मैप्स भी देख सकेंगे।

कैसे बनेगा DAC

भारत में मौजूदा वक्त में करीब 75 करोड़ घर है। इन सभी घरों के लिए डिजिटल यूनीक कोड बनाया जाएगा। डीएसी हर पते को डिजिटल अथेंटिकेशन यानी प्रमाणीकरण करेगा। डिजिटल एड्रेस कोड बनाने के लिए देश के हर घर को अलग-अलग आइडेंटिफाइ किया जाएगा। और एड्रेस को जियोस्पेशियल कोऑर्डिनेट्स (geospatial coordinates) से लिंक किया जाएगा, जिससे हर किसी के एड्रेस को सड़क या मोहल्ले से नहीं बल्कि नंबर्स और अक्षरों वाले एक कोड से हमेशा पहचाना जा सके। यह कोड एक स्थायी कोड होगा।

कैसे DAC करेगा काम 

संचार विभाग का डाक विभाग की तरफ से पहले ही इस प्रस्ताव पर फीडबैक मांगे गए थे, जिसकी समयसीमा 20 नवंबर को खत्म हो गई। ऐसे में जल्द हर घर का डिजिटिल यूनीक कोड होगा। यह पिन-कोड की जगह लेगा। यह हर घर के लिए डिजिटल को-ऑर्डिनेट की तरह काम करेगा। नई व्यवस्था में हर मकान का एक अलग कोड होगा। यानी अगर एक बल्डिंग में 50 फ्लैट हैं, तो हर फ्लैट का अलग कोड होगा। वहीं अगर एक मकान की दो मंजिल पर दो परिवार रहते हैं, तो दो कोड बनेंगे।

क्या होगा फायदा हर घर का ऑनलाइन एंड्रेस वेरिफिकेशन किया जा सकेगा। बैंकिंग, बीमा, टेलिकॉम के ई-केवाईसी को आसान बना देगा। ई-कॉमर्स जैसी सर्विस के लिए DAC काफी मददगार साबित हो सकता है। सरकारी योजनाओं को लागू करने में DAC काफी मदद करेगा। साथ ही फ्रॉड की घटनाओं को रोकने में मदद करेगा। प्रॉपर्टी, टैक्सेशन, आपदा प्रवंधन और जनगणना और जनसंख्या रजिस्टर तैयार करने में मदद करेगा। DAC वन नेशन वन एड्रेस के सपने को पूरा करने में मदद करेगा।

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