भारत सरकार ने Whatsapp पाॅलिसी पर जताई आपत्ति, कहा जल्द इसे वापस लिया जाए

Whatsapp की नई प्राइवेसी पाॅलिसी को लेकर भारत सरकार ने कड़ा रूख अपनाते हुए Whatsapp के सीईओ का पत्र लिखा है। इस पत्र में व्हाटृसएप की गोपनियता नीति में किए गए नए बदलावों को लेकर जवाब मांगा गया है।

By Renu YadavEdited By: Publish:Wed, 20 Jan 2021 11:11 AM (IST) Updated:Wed, 20 Jan 2021 11:28 AM (IST)
भारत सरकार ने Whatsapp पाॅलिसी पर जताई आपत्ति, कहा जल्द इसे वापस लिया जाए
यह फोटो कंपनी की आधिकारिक वेबसाइट से ली गई है।

नई दिल्ली, आईएएनएस। इंस्टैंट मैसेजिंग ऐप Whatsapp के लिए साल 2021 की शुरुआत अच्छी नहीं रही। कंपनी अपनी नई प्राइवेसी पाॅलिसी को लेकर लगातार चर्चा में बनी हुई है। साथ ही सवालों के घेरे में भी है क्योंकि यूजर्स को अपने नीजि डाटा की प्राइवेसी की चिंता है। जिसके बाद भारत सरकार ने हाल ही में Whatsapp के सीईओ विल कैथार्ट को पत्र लिखकर प्राइवेसी पाॅलिसी में किए गए बदलाव को लेकर जवाब देने को कहा है। साथ ही गोपनियता हस्तांतरण और साझाकरण नीतियों के बारे में कुछ सवाल भी पूछे हैं।  

आईटी मंत्रालय ने कहा पाॅलिसी वापस ली जाए

Whatsapp की गोपनीयता नीति में किए जा रहे बदलावों पर चिंता व्यक्त करते हुए केंद्रीय इलेक्ट्राॅनिक्स और आईटी मंत्रालय ने मैसेजिंग प्लेटफाॅर्म Whatsapp से इस बदलाव को वापस लेने के लिए कहा है। मंत्रालय ने Whatsapp के सीईओ विल कैथार्ट को लिखे पत्र में बदलाव को वापस लेने के पर जोर दिया है। पत्र में उल्लेख किया गया है कि गोपनीयता नीति में प्रस्तावित परिवर्तन भारतीय नागरिकों की पसंद और स्वायत्तता के निहितार्थ के बारे मेें गंभीर चिंताएं पैदा करते हैं। मंत्रालय ने Whatsapp के ‘सभी या कुछ भी नहीं’ दृष्टिकोण को पूरी तरह से हटाने के लिए कहा है। मंत्रालय  के मुताबिक Whatsapp का कहना है कि या तो मानिए या छोड़िए, जो कि यूजर्स को नई पाॅलिसी मानने के लिए मजबूर करना है। 

8 फरवरी से नई पाॅलिसी होनी थी लागू

Whatsapp की नई प्राइवेसी पाॅलिसी 8 फरवरी से लागू होने वाली थी लेकिन यूजर्स द्वारा जताई गई आपत्ति के बाद इस पर तीन महीने के लिए रोक लगा दी गई है। इस पाॅलिसी में किए गए बदलावों को लेकर Whatsapp का कहना था कि इसे 8 फरवरी से पहले स्वीकार करना अनिवार्य होगा। इस पाॅलिसी को स्वीकार नहीं करने वाले यूजर्स को अकाउंट बंद कर दिया जाएगा। जो कि यूजर्स को बिल्कुल मंजूर नहीं है और इस वजह से मंत्रालय को इसमें हस्तक्षेप करना पड़ा।

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