नए आईटी कानून आने के बावजूद भारत में बड़े निवेश की तैयारी में हैं विदेशी टेक कंपनियां, अरबों डॉलर की है निवेश योजना

Amazon ने भारत में 6.5 बिलियन डॉलर निवेश करने का ऐलान किया है। Facebook ने छोटे कारोबार के लिए भारत में Reliance Jio के साथ मिलकर निवेश का ऐलान किया है। इसी तरह google ने अगले 7 साल में 10 बिलियन डॉलर के निवेश की बात कही है।

By Saurabh VermaEdited By: Publish:Tue, 15 Jun 2021 08:02 AM (IST) Updated:Tue, 15 Jun 2021 12:01 PM (IST)
नए आईटी कानून आने के बावजूद भारत में बड़े निवेश की तैयारी में हैं विदेशी टेक कंपनियां, अरबों डॉलर की है निवेश योजना
यह सोशल मीडिया की प्रतीकात्मक फाइल फोटो है।

नई दिल्ली, टेक डेस्क। भारत सरकार और अमेरिका की दिग्गज टेक कंपनियों के पिछले लंबे वक्त से विवाद जारी है। यह विवाद केंद्र सरकार के नये आईटी कानूनों को लेकर है, जो लगातार बढ़ता जा रहा है। हालांकि, अमेरिकी कंपनियां भारत में जारी योजनाओं के विस्तार पर दोबारा से विचार कर रही हैं।

अमेरिकी टेक कंपनियों के लिए भारत एक बड़ा मार्केट है। Facebook, WhatsApp और Twitter के सबसे ज्यादा यूजर्स भारत से हैं। Amazon ने भारत में 6.5 बिलियन डॉलर निवेश करने का ऐलान किया है। Facebook ने छोटे कारोबार के लिए भारत में Reliance Jio के साथ मिलकर निवेश का ऐलान किया है। इसी तरह google ने अगले 7 साल में 10 बिलियन डॉलर के निवेश की बात कही है।

न्यूज एजेंसी रायटर की खबर के मुताबिक भारत सरकार और Twitter के बीच जारी विवाद पर भारत सरकार का कहना है कि Twitter की तरफ से नये आईटी रूल्स के अनुपालन का संकेत नहीं दिया गया है, जो सोशल मीडिया को कानून शिकायतों के प्रति उत्तरदायी बनाते हैं। ऐसे में Twitter अपने प्लेटफॉर्म पर पोस्ट होने वाले कंटेंट की लायबिलिटी छूट को खो सकता है। इस मामले में फिलहाल Twitter, Amazon, Facebook, WhatsApp और भारत के संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की तरफ से कोई टिप्पणी नहीं की गई है।

इस मामले के जानकार एक अधिकारी के मुताबिक इससे निवेश में देरी या रद्द होने के संकेत नहीं है। भारत में होने वाली निवेश की लंबी योजनाओं की समीक्षा की जा सकती है। सरकार की दलील है कि नये आईटी रूल्स को फेक न्यूज फैलाने से रोकने के मकसद से लाया गया है। साल 2017 में अपहरण का एक मैसेज WhatsApp पर वायरल हुआ था, जिसके बाद लिंचिंग की घटनाएं शुरू हुई थीं। साथ ही नये नियमों को ग्राहकों की प्राइवेसी और घरेलू काराबोर को नुकसान पहुंचाने से रोकने के लिए लाया जा रहा है।

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