चीनी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस की मंजूरी पर रोक, Xiaomi समेत इन ब्रांड के स्मार्टफोन की लॉन्चिंग में होगी देरी

अमेरिकी कंप्यूटर मेकर Dell HP और चीनी ब्रांड Xiaomi Oppo Vivo और Lenovo के डिवाइस लॉन्चिंग में देरी हो सकती है। चीनी से आयात होने वाले फिनिश्ड इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जैसे ब्लूटूथ स्पीकर वायरलेस इयरफोन स्मार्टवॉच और लैपटॉप भारत से देर से पहुंचेगे।

By Saurabh VermaEdited By: Publish:Sun, 09 May 2021 01:03 PM (IST) Updated:Mon, 10 May 2021 06:59 AM (IST)
चीनी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस की मंजूरी पर रोक, Xiaomi समेत इन ब्रांड के स्मार्टफोन की लॉन्चिंग में होगी देरी
यह मोबाइल फोन की प्रतीकात्मक फाइल फोटो है।

नई दिल्ली, टेक डेस्क। भारत ने चीन से आयात होने वाले वाई-फाई मॉड्यूल को मंजूरी नहीं दी है। ऐसे में अमेरिकी कंप्यूटर मेकर Dell, HP और चीनी ब्रांड Xiaomi, Oppo, Vivo और Lenovo के डिवाइस लॉन्चिंग में देरी हो सकती है। चीनी से आयात होने वाले फिनिश्ड इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जैसे ब्लूटूथ स्पीकर, वायरलेस इयरफोन, स्मार्टवॉच और लैपटॉप भारत से देर से पहुंचेगे।

इन ब्रांड को नहीं मिली मंजूरी 

न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की खबर के मुताबिक भारतीय कम्यूनिकेशन मिनिस्ट्री की वायरलेस प्लानिंग एंड क्वॉडिनेशन (WPC) विंग ने पिछले साल नवंबर से मंजूरी को होल्ड कर रखा है। ऐसे में करीब 80 से ज्यादा अमेरिकी कंपनियों के एप्लीकेशन और कोरियाई फर्म के अप्रूवल को इजाजत नहीं मिली है। साथ ही उन भारतीय कंपनियों को भी WPC इजाजत नहीं दी गई है, जो चीन से अपने प्रोडक्ट के मंगाते हैं। इस मामले में Dell, HP, Xiaomi, Oppo, Vivo और Lenovo की तरफ से कोई जवाब नहीं दिया है।

मेड इन इंडिया प्रोडक्ट पर होगा जोर 

भारत सरकार की तरफ से चीन से आयात होने वाले प्रोडक्ट पर प्रतिबंध का दौर उस वक्त शुरू हुआ था, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आत्मनिर्भर भारत की शुरुआत की थी। पीएम मोदी की पॉलिसी भारतीय कंपनियों को मेड इन इंडिया डिवाइस बनाने को प्रोत्साहित करती हैं। साथ ही विदेशी कंपनियों को भारत में ही अपने इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट के निर्माण को बढ़ावा देती हैं। हालांकि भारत में इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट के निर्माण के लिए कंपनियों को भारी निवेश करना होगा। इसके चलते कंपनियों को आर्थिक तौर पर नुकसान का सामना भी करना पड़ सकता है। 

मार्च 2019 में बदला नियम 

इससे पहले तक भारत में वायरलेस उपकरण के आयत के लिए स्वघोषित इजाजत देने का प्रावधान था, जिससे इलेक्ट्रॉनिक गुड्स के आयात को आसान बनाया जा सके। लेकिन मार्च 2019 में भारत सरकार की तरफ से वायरलेस गुड्स के आयात से पहले मंजूरी लेने का नियम जोड़ दिया। बता दें कि मौजूदा वक्त में भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल निर्माण करने वाला देश है। 

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