ऑनलाइन फ्रॉड का शिकार होने पर डॉयल करें ये नंबर, तुरंत वापस होगा सारा पैसा

सरकार ने लोगों को ऑनलाइन फर्जीवाडे से बचाने के लिए एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया है। इस हेल्पलाइन नंबर को डॉयल करने के 7 से 8 मिनट के भीतर आपका सारा पैसा वापस आपके अकाउंट में ट्रांसफर हो जाएगा।

By Saurabh VermaEdited By: Publish:Tue, 13 Apr 2021 05:07 PM (IST) Updated:Wed, 14 Apr 2021 07:41 AM (IST)
ऑनलाइन फ्रॉड का शिकार होने पर डॉयल करें ये नंबर, तुरंत वापस होगा सारा पैसा
यह दैनिक जागरण की प्रतीकात्मक फाइल फोटो है।

नई दिल्ली, टेक डेस्क। केंद्रीय गृह मंत्रालय और दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने एक हेल्पलाइन नंबर 155260 जारी किया है। इस खास नंबर को सरकार ने लोगों ऑनलाइन फर्जीवाडे से बचाने के लिए जारी किया है। अगर आप कभी ऑनलाइन बैकिंग फर्जीवाड़े का शिकार हो जाएं, तो आपको तुरंत 155260 नंबर को डॉयल करना चाहिए। इस नंबर के डॉयल करने के 7 से 8 मिनट के भीतर आपका सारा पैसा वापस आपके अकाउंट में ट्रांसफर हो जाएगा। दरअसल आपकी रकम जिस खाते या फिर आईडी पर ट्रांसफर हुई है। सरकार की 155260 हेल्पलाइन से उस बैंक या फिर ई-साइट को अलर्ट मैसेज पहुंचेगा। फिर आपकी रकम होल्ड हो जाएगी।

कैसे दर्ज कराएं ऑनलाइन शिकायत 

अगर आपके साथ ऑनलाइन फ्रॉड हुआ है, तो हेल्पलाइन नंबर 155260 डॉयल करके शिकायत दर्ज करानी होगी। इसके बाद हेल्पलाइन नंबर पर प्राथमिक पूछताछ के तौर पर आपका नाम, मोबाइल नंबर, फ्रॉड की टाइमिंग, बैंक अकाउंट नंबर की जानकारी हासिल की जाएगी। इसके बाद हेल्पलाइन नंबर आपकी जानकारी को आगे की कार्रवाई के लिए पोर्टल पर भेज देगा। फिर संबंधित बैंक को फ्रॉड की जानकारी दी जाएगी। जानकारी सही मिलने पर फ्रॉड वाले फंड को होल्ड कर दिया जाएगा। इसके बाद आपकी रकम आपके अकाउंट में ट्रांसफर हो जाएगी।  

पोर्टल से जुड़ी हैं देश की 55 बैंक, ई-वॉलेट और ई-कॉमर्स साइट 

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पिछले साल नवंबर में ओटीपी, लिंक और अन्य तरीकों से ठगी का शिकार होने वालों के लिए साइबर पोर्टल https://cybercrime.gov.i/ और दिल्ली पुलिस की साइबर सेल के साथ 155260 पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया है। इस इंडियन साइबर क्राइम को-आर्डिनेशन प्लेटफॉर्म पर सबसे पहले दिल्ली को जोड़ा गया है। इसके बाद राजस्थान को जोड़ा गया है। इसी तरह देश के अन्य राज्यों को इस प्रोजेक्ट का हिस्सा बनाया जाएगा। साइबर सेल के साथ करीब 55 बैंक, ई-वॉलेट्स, ई-कॉमर्स साइट्स, पेमेंट गेटवेज और अन्य संस्थाएं जुड़ी हैं। 

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