अब नहीं होगा डेटा लीक होने का खतरा! Google करेगा आपकी चैट्स को सिक्योर, ला रहा है नया डेवलपमेंट
Google ने घोषणा की है कि वह बिजनेस और Teams को अपना डेटा लीक होने से रोकने में मदद करने के लिए एक प्लान डेवलप करने पर काम कर रहा है| कंपनी Google चैट में एडमिन के लिए डेटा लॉस प्रीवेंशन (DLP) रूल्स और पॉलिसी पर काम कर रही है।
नई दिल्ली, टेक डेस्क| साइबर फ्रॉड के दौर में आजकल आपका डेटा लीक होने का खतरा सबसे बड़ी चिंताओं में से एक है। Google ने घोषणा की है कि वह बिजनेस और Teams को अपना डेटा लीक होने से रोकने में मदद करने के लिए एक प्लान डेवलप करने पर काम कर रहा है| कंपनी Google चैट में एडमिन के लिए डेटा लॉस प्रीवेंशन (DLP) रूल्स और पॉलिसी पर काम कर रही है। वर्तमान में, नई सुविधा बीटा स्टेज में है, इसलिए अगर आप इसका टेस्टिंग करना चाहते हैं तो आपको इसके लिए साइन अप करना होगा।
क्या है डेटा लॉस प्रीवेंशन (DLP)?
ये DLP नियम उन लोगों पर लागू होंगे जो नियमित रूप से सेंसिटिव कंटेंट दूसरों के साथ शेयर करते हैं। यह कॉन्फिडेंशियल जानकारी को ग्रुप के बाहर लीक होने से रोकने में मदद करेगा। एडमिन को नियमों और सेटिंग्स के एक सेट तक पहुंच प्रदान की जाएगी जिसे सक्षम किया जा सकता है और यहां तक कि उनकी स्पेसिफिक आवश्यकताओं के अनुरूप कस्टमाइज भी किया जा सकता है।
कैसे काम करता है डेटा लॉस प्रीवेंशन (DLP)?
एक बार सक्षम होने पर, ग्रुप में मैसेज को किसी भी जानकारी के लिए स्कैन किया जाएगा जो सेंसिटिव जानकारी होगी। इसके अलावा, प्रत्येक मैसेज और इमेज को भेजे जाने से पहले स्कैन किया जाएगा। Google का कहना है कि वेबसाइटों के लिंक स्कैन नहीं किए जाएंगे। Google का कहना है कि DLP नियम केवल Google चैट तक सीमित नहीं होंगे और क्रोम और ड्राइव सहित दूसरे प्लेटफार्मों के लिए इस्तेमाल किए जा सकते हैं।अगर कोई यूजर Google ड्राइव का इस्तेमाल करके संवेदनशील जानकारी भेजने का प्रयास करता है, तो उसे ब्लॉक कर दिया जाएगा।
इसके अलावा, उल्लंघन होने पर Google एडमिन को सूचित भी करेगा। अगर कोई सदस्य सेंसिटिव जानकारी शेयर करने का प्रयास करता है, तो एडमिन को वही रिपोर्ट प्राप्त होगी। यह ध्यान रखना जरूरी है कि चूंकि नया फीचर बीटा अपडेट के हिस्से के रूप में आता है, इसलिए फीचर के साथ कुछ बग हो सकते हैं।