केंद्र सरकार ने जारी किया नेशनल हेल्पलाइन नंबर, फ्रॉड होने पर बस एक कॉल पर होगा पूरा काम

सरकार की तरफ से डिजिटल पेमेंट को ज्यादा सुरक्षित बनाने के मकसद से हेल्पलाइन नंबर शुरू किया गया है। साथ ही साइबर क्राइम की घटनाओं को रोकने में मदद मिलेगी। सरकार की मानें तो इस हेल्पलाइन की मदद से बैंक और पुलिस दोनों को जोड़ने में मदद मिलती है।

By Saurabh VermaEdited By: Publish:Fri, 18 Jun 2021 05:55 PM (IST) Updated:Fri, 18 Jun 2021 05:55 PM (IST)
केंद्र सरकार ने जारी किया नेशनल हेल्पलाइन नंबर, फ्रॉड होने पर बस एक कॉल पर होगा पूरा काम
यह स्मार्टफोन की प्रतीकात्मक फाइल फोटो है।

नई दिल्ली, टेक डेस्क। केंद्र सरकार की तरफ से डिजिटल लेनदेन में फ्रॉड की बढ़ती घटनाओं के मद्देनजर एक नेशनल हेल्पलाइन नंबर जारी किया है। अगर आप डिजिटल फ्रॉड का शिकार होते हैं, बस आपको एक हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करना होगा। इसके बाद बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय के अंतर्गत आने वाला इंडियन साइबर क्राइम को-ऑर्डिनेशन सेंटर (I4C) सेंटर एक्टिव हो जाएगा। जहां से रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) संबंधित बैंक और ऑनलाइन पेमेंट प्लेटफॉर्म के पास तत्काल सूचना पहुंचेगी। इस तरह फ्रॉड की घटना का तत्काल प्रभाव से पता लगाया जा सकेगा। 

Union Home Ministry has operationalized the national helpline number-155260 and reporting platform for preventing financial loss due to cyber fraud: Ministry of Home Affairs (MHA)— ANI (@ANI) June 17, 2021

डिजिटल फ्रॉड को सुरक्षित बनाने में मिलेगी मदद 

केंद्र की ओर से जारी नेशनल हेल्पलाइन नंबर 155260 है। अगर आपके साथ किसी भी तरह की डिजिटल फ्रॉड या साइबर क्राइम की घटना होती है, तो आपको हेल्पलाइन नंबर पर तुरंत कॉल करना होगा और फ्रॉड से संबंधित शिकायत दर्ज करानी होगी। सरकार की तरफ से डिजिटल पेमेंट को ज्यादा सुरक्षित बनाने के मकसद से इस तरह की कोशिश शुरू की गई है। साथ ही साइबर क्राइम की घटनाओं को रोकने में मदद मिलेगी। सरकार की मानें, तो इस हेल्पलाइन की मदद से बैंक और पुलिस दोनों को आपस में कनेक्ट करने में मदद मिलती है। इससे रियल टाइम एक्शन लेने में मदद मिलती है।

इन राज्यों में लागू हुआ नेशनल हेल्पलाइन नंबर 

नेशनल हेल्पलाइन नंबर शुरुआत में 7 राज्यों छत्तीसगढ़, दिल्ली, मध्यप्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के लिए लॉन्च किया गया है। वहीं आने वाले दिनों में इसे अन्य राज्यों के लिए लागू किया जाएगा। इसे गृह मंत्रालय की साइबर सेल की एक टीम ने विकसित किया है। वहीं जिन राज्यों में पहले से हेल्पलाइन नंबर चालू था, वहां इस हेल्पलाइन की मदद से 1.85 करोड़ रुपये साइबर अपराधियों से रिकवर किया गया है।

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