क्या होता है स्पेक्ट्रम? कब और कैसे होती है इसकी नीलामी, जानें सबकुछ डिटेल से

कल यानि 1 मार्च को हुई स्पेक्ट्रम नीलामी में पहले दिन 77146 करोड़ रुपये की बोली मिली। ये बोली दिग्गज टेलीकॉम कंपनियां रिलायंस जियो भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया की ओर से आई। नीलामी शुरू होते ही लोगों के बीच भी स्पेक्ट्रम शब्द काफी चर्चा में है।

By Renu YadavEdited By: Publish:Tue, 02 Mar 2021 02:17 PM (IST) Updated:Tue, 02 Mar 2021 02:17 PM (IST)
क्या होता है स्पेक्ट्रम? कब और कैसे होती है इसकी नीलामी, जानें सबकुछ डिटेल से
यह दैनिक जागरण की प्रतीकात्मक फोटो है।

नई दिल्ली, टेक डेस्क। देश में एक बार फिर से स्पेक्ट्रम की नीलामी से जुड़ी चर्चाएं काफी तेज हो गई हैं। क्योंकि कल यानि 1 मार्च को स्पेक्ट्रम नीलामी के पहले दिन 77,146 करोड़ रुपये की बोली मिली थी। यह बोली रिलायंस जियो, भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया की तरफ से आई। देश में चल रही स्पेक्ट्रम नीलामी में चर्चा में है और ऐसे में कई लोग इसके बारे में जानने को भी उत्सुक होंगे कि आखिर स्पेक्ट्रम नीलामी होती क्या है? क्योंकि आप में से कई लोग स्पेक्ट्रम नीलमी के बारे में केवल इतना जानते हैं कि यह 2जी, 3जी और 4जी नेटवर्क से जुड़ी होती है। लेकिन आज हम इस आर्टिकल में आपको स्पेक्ट्रम नीलमी के बारे में डिटेल से बताएंगे। 

जानें क्या होता है स्पेक्ट्रम

स्पेक्ट्रम नीलमी के बारे में जानने से पहले आपको यह पता होना जरूरी है कि आखिर स्पेक्ट्रम क्या होता है? साधारण शब्दों में बताएं तो यह इलेक्ट्रोमैग्नेटिक स्पेक्ट्रम का एक छोटा रूप है। यह उस विकिरण ऊर्जा का नाम है जो धरती को चारों ओर से घेरे रहती है। इस इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन (IMR) का मुख्य स्रोत सूर्य है। यह ऊर्जा धरती के नीचे दबे रेडियोएक्टिव तत्वों के साथ ही तारों और आकाशगंगाओं से भी मिलती है। इसी ऊर्जा के माध्यम से हम टीवी रेडियो और मोबाइल फोन चला पाते हैं। 

टेलीकॉम सेक्टर में स्पेक्ट्रम का उपयोग

जैसा कि आप सभी जानते हैं कि टेलीकॉम क्षेत्र में स्पेक्ट्रम का काफी महत्व है क्योंकि मोबाइल और टेलीविजन में रेडियो इलेक्ट्रोमैग्नेटिक का इस्तेमाल किया जाता है। इससे स्पष्ट होता है कि मोबाइल और टेलीविजन के क्षेत्र में स्पेक्ट्रम का काफी महत्व है। अब बात करते हैं कि स्पेक्ट्रम का करोबारी इस्तेमाल कैसे किया जाता है। इसके लिए पहले यह जान लें कि किसी भी स्पेक्ट्रम का कारोबारी इस्तेमाल इस बात पर तय होता है कि तरंग की लंबाई कितनी है? उसकी फ्रीक्वेंसी कितनी है? और कितनी ऊर्जा कितनी दूर तक ले जा सकती है? सबसे लंबी तरंगे रेडियो वेव स्पेक्ट्रम की होती है और इन्हीं का उपयोग टेलीकॉम सेक्टर में किया जाता है। जब हम स्पेक्ट्रम की बात करते हैं तो आमतौर पर इसका स्पष्ट मतलब टेलीकॉम सेक्टर के लिए रेडियो वेव तरंगों से ही होता है।

20 सालों के लिए होगी स्पेक्ट्रम की वैलिडिटी

इससे पहले नीलामी साल 2015 में हुई थी और अब पांच साल बाद फिर से स्पेक्ट्रम की नीलामी हो रही है। इस नीलामी की सबसे बड़ी खासियत है कि इसमें हासिल होने की वाले स्पेक्ट्रम की वैलिडिटी 20 साल की होगी। इसमें प्राइवेट सेक्टर की टेलीकॉम कंपनियों ने 13,475 करोड़ रुपए की शुरुआती अर्नेस्ट मनी डिपॉजिट (EMD) जमा कराए है। इसमें रिलायंस जियो, भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया शामिल हैं।

इस नीलामी में 5G शामिल नहीं

इन दिनों चल रही स्पेक्ट्रम की नीलामी में 5G वाले स्पेक्ट्रम की नीलमी शामिल नहीं है। इसके लिए बाद में नीलामी की जाएगी। इस बार कुल 7 फ्रीक्वेंसी बैंड की नीलामी हो रहही है जिनमें 700 MHz, 800 MHz, 900 MHz, 1800 MHz, 2100 MHz, 2300 MHz और 2500 MHz बैंड हैं। बोली में सफल होने वाली कंपनी को ईएमआई के माध्यम से भुगतान करने की सुविधा मिलेगी।

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