काम की खबर: ऑनलाइन शॉपिंग करते समय इन खास तरीकों से पहचानें प्रोडक्ट असली है या नकली

कोरोना काल में बड़े पैमाने पर नकली प्रोडक्ट की बिक्री भी की जा रही है। ऐसे में आपके लिए यह जानना बहुत जरूरी है कि नकली प्रोडक्ट की पहचान कैसे की जाए। आज हम आपको नकली प्रोडक्ट पहचाने के कुछ खास टिप्स देंगे जो आपके बहुत काम आएंगे।

By Ajay VermaEdited By: Publish:Mon, 12 Apr 2021 06:27 PM (IST) Updated:Tue, 13 Apr 2021 07:35 AM (IST)
काम की खबर: ऑनलाइन शॉपिंग करते समय इन खास तरीकों से पहचानें प्रोडक्ट असली है या नकली
ऑनलाइन वेबसाइट की फोटो दैनिक जागरण की है

नई दिल्ली, टेक डेस्क। कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के कारण ज्यादातर लोग ऑनलाइन शॉपिंग कर रहे हैं। लोगों को अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसी ई-कॉमर्स वेबसाइट पर आकर्षक डील और ऑफर मिल रहे हैं। हालांकि, इस दौरान बड़े पैमाने पर नकली प्रोडक्ट की बिक्री भी की जा रही है। ऐसे में अब यह सवाल उठता है कि नकली प्रोडक्ट को पहचाने कैसे की जाए, तो इसका जवाब आपको हमारी इस खबर में मिलेगा। यहां हम आपको कुछ ऐसे टिप्स देने जा रहे हैं, जो आपके बहुत काम आएंगे। इससे आप प्रोडक्ट की पहचान कर सकेंगे।

मोबाइल ऐप के जरिए करें चेकिंग

इलेक्ट्रॉनिक और FMCG कंपनियां नकली प्रोडक्ट से बचाव के लिए एक खास तरह का QR कोड और होलोग्राम लगाने लगी है, जिसके जरिए असली नकली की पहचान हो सकती है।  इसके अलावा नकली प्रोडक्ट की पहचान के लिए फूड रेगुलेटर FSSAI के Smart Consumer ऐप की भी सहायता ले सकते हैं। इसे Google Play Store से डाउनलोड करके इस्तेमाल किया जा सकता है। ऐप में आपको QR code स्कैन करने और QR नंबर दर्ज करना होगा। इसके बाद प्रोडक्ट के मैन्युफैक्चरिंग डिटेल हासिल हो जाएगी। इस तरह प्रोडक्ट के असली और नकली होने की पहचान की जा सकेगी। 

मैन्युफैक्चरिंग और ब्रांडिंग से करें पहचान  

नकली प्रोडक्ट की पहचान कंपनी के लोगो और स्पेलिंग से की जा सकती है। नकली सामान बेचने वाली कंपनियां बिल्कुल हूबहू logo बनाती हैं। लेकिन यह logo ब्रांड के logo से कुछ अलग होता है। साथ ही ब्रांड के नाम में स्पेलिंग की गलत प्लेसिंग करके नकली प्रोडक्ट की बिक्री करती हैं। ऐसे में ऑनलाइन प्रोडक्ट खरीदते समय हमेशा ब्रांड के लोगो ध्यान से देखना चाहिए। साथ ही प्रोडक्ट की स्पेलिंग की भी सही से जांच पड़ताल करनी चाहिए।

अधिक डिस्काउंट वाला प्रोडक्ट हो सकते हैं नकली 

ऑनलाइन खरीददारी करते समय हमेशा चेक करना चाहिए कि जिस प्रोडक्ट को खरीद रहे हैं, उसका फिजिकल एड्रेस, ईमेल, फोन नंबर और कॉन्टैक्ट डीटेल है या नहीं। यदि यह सारी चीजे नहीं हैं, तो जरूर प्रोडक्ट फर्जी होगा। साथ ही ऑनलाइन खरीददारी करते वक्त भारी डिस्काउंट के लालच में नहीं आना चाहिए।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ब्रांडेड आइटम, लग्जरी प्रोडक्ट पर एमआरपी (MRP) की तुलना में 70-80 प्रतिशत का डिस्काउंट नहीं मिलता है। ऐसे में अगर MRP से 70 से 80 प्रतिशत से अधिक छूट मिल रही तो समझ लें कि आइटम नकली हो सकता है।

प्रोडक्ट की वेबसाइट जरूर चेक करें

ऑनलाइन फर्जीवाड़ा फेक वेबसाइट के माध्यम से होता है। अक्सर लोगों को WhatsApp या किसी अन्य मैसेजिंग ऐप से Flipkart या Amazon पर भारी डिस्काउंट और डील मिलती है। इस ऑफर के साथ एक लिंक दी होती है, जो कि फर्जी हो सकती है। ऐसे में इस लिंक से ऑनलाइन शॉपिंग करने से पहले वेबसाइट के नकली होने की जांच कर लें।

साफ है कि यदि वेबसाइट फर्जी है, तो प्रोडक्ट जरूर फर्जी होगा। ऐसे ऑनलाइन प्रोडक्ट की खरीददारी करते समय लिंक के यूआरएल को सावधानी से चेक करें। असली वेबसाइट https से शुरू होती है, न कि http से इसकी शुरुआत होती है। ऐसे में हमेशा https से शुरू होने वाली वेबसाइट से ही ऑनलाइन शॉपिंग करें।

प्रोडक्ट खरीदने से पहले कस्टमर रिव्यू जरूर पढ़ें

किसी भी प्रोडक्ट की ऑनलाइन खरीदारी करने से पहले एक बार उसका कस्टमर रिव्यू जरूर पढ़ें। साथ ही उसकी रेटिंग भी चेक करें। ऐसा करने से आप प्रोडक्ट समेत उसके ट्रेडर के बारे में जान सकेंगे। यदि आपको प्रोडक्ट के रिव्यू ठीक नहीं लगता है, तो प्रोडक्ट फेक हो सकता है। उसे खरीदने का जोखिम न उठाएं और कोई दूसरे विकल्प की तलाश करें।

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