WhatsApp को कड़ी टक्कटर देगा इंडियन मैसेजिंग ऐप Sandes, इस तरह करेगा काम
Sandes App आत्मनिर्भर भारत के तहत सरकार ने इंस्टेंट मैसेजिंग ऐप WhatsApp को टक्कर देने के लिए मेड इन इंडिया मैसेजिंग ऐप Sandes की घोषणा की थी| ये ऐप काफी हद तक WhatApp की तरह काम करता है और यूजर्स को मैसेजिंग सर्विस प्रदान करता है|
नई दिल्ली, टेक डेस्क। आत्मनिर्भर भारत के तहत सरकार ने इंस्टेंट मैसेजिंग ऐप WhatsApp को टक्कर देने के लिए मेड इन इंडिया मैसेजिंग ऐप Sandes की घोषणा की थी| ये ऐप काफी हद तक WhatsApp की तरह काम करता है, और यूजर्स को मैसेजिंग सर्विस प्रदान करता है| हाल ही में, इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने 30 जुलाई को लोकसभा में एक लिखित उत्तर में कहा कि केंद्र ने एक इंस्टेंट मैसेजिंग प्लेटफॉर्म Sandes लॉन्च किया है, और यह Google Play Store और Apple के ऐप स्टोर पर उपलब्ध है।
क्या WhatsApp को कम्पीट करेगा Sandes?
रिपोर्ट के मुताबिक, इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने 30 जुलाई को लोकसभा में एक लिखित उत्तर में ऐप के बारे में बताया। WhatsApp के समान, यूजर्स एक वैलिड मोबाइल नंबर और एक Email ID दर्ज करके 'सैंडेस' ऐप का इस्तेमाल कर सकते हैं। फिलहाल ऐप का इस्तेमाल सिर्फ सरकारी अधिकारी और इससे जुड़ी एजेंसियां ही कर रही हैं।
राजीव चंद्रशेखर के अनुसार "Sandes एक ओपन सोर्स बेस्ड सिक्योर क्लाउड एनेबल्ड प्लैटफॉर्म है जिसे सरकार होस्ट करती है| ऐसा इसलिए ताकि इसका स्ट्रैटिजिक कंट्रोल भारत सरकार के पास ही रहे| इस प्लैटफॉर्म के कई फीचर्स हैं. सिंगल चैट, ग्रुप मैसेजिंग, फाइल शेयरिंग और ऑडियो वीडियो कॉल्स भी इससे किए जा सकते हैं। यह Google Play Store और ऐप स्टोर पर उपलब्ध है"|
IT मंत्रालय ने जारी किया Sandes ऐप
सरकार ने अपने पहले कार्यकाल के दौरान एक घरेलू इंस्टेंट मैसेजिंग ऐप के विचार की कल्पना की थी। IT विंग एनआईसी (National Informatics Centre) ने 20 अगस्त को Sandes का पहला वर्जन जारी किया। हालांकि, रिपोर्ट के अनुसार, सरकार ने महामारी के दौरान प्रोजेक्ट को फास्ट-ट्रैक करने की योजना बनाई है।
लिमिटेड यूजर्स कर सकते हैं Sandes का इस्तेमाल
वर्तमान में, Sandes ऐप NIC ईमेल, डिजिलॉकर और ई-ऑफिस के साथ इंटीग्रेटेड है। Google Play Store पर दी गई जानकारी के अनुसार, ऐप एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग, एन्क्रिप्टेड बैकअप और एन्क्रिप्टेड OTP सेवा का सपोर्ट करता है। ऐप की प्राइवेसी और डेटा पॉलिसी भारत सरकार के नियमों और विनियमों द्वारा शासित होती है। ऐप स्टोर में बताया गया है कि वेरिफिकेशन के लिए सरकारी संगठन के कर्मचारियों को अपने मंत्रालय/विभाग के नोडल अधिकारी से संपर्क करना होगा। हालांकि ऐप सरकारी कर्मचारियों के लिए है, यह देखा जाना बाकी है कि सरकार आम जनता के लिए ऐप कब जारी कर सकती है।