Koo ऐप में आया वेरिफिकेशन प्रोग्राम, यूजर्स अपने अकाउंट्स पर पा सकते हैं Yellow Tick, यहां जानिए कैसे
Koo App Verification Program माइक्रोबलोगिंग साइट Twitter को कम्पीट करने के लिए मेड इन इंडिया ऐप Koo ने पब्लिक डोमेन में Yellow टिक के साथ अपने नए अपडेट Eminence की घोषणा की है जो कि कंपनी का अपना वेरेफिकेशन (Verification) प्रोग्राम है।
नई दिल्ली, टेक डेस्क। Koo App Verification Program: माइक्रोबलोगिंग साइट Twitter को कम्पीट करने के लिए मेड इन इंडिया ऐप Koo ने पब्लिक डोमेन में Yellow टिक के साथ अपने नए अपडेट Eminence की घोषणा की है, जो कि कंपनी का अपना वेरेफिकेशन (Verification) प्रोग्राम है। प्रोग्राम उन नोटेबल अकाउंट्स को एक Yellow Tick ऑफर करेगा जो वेरीफीकेशन के लिए पात्र हैं या अगर कोई यूजर इसके लिए अप्लाई करता है। प्लेटफॉर्म ने येलो टिक का नाम 'Eminence' रखा है। ये Twitter के Blue Tick की तरह काम करता है| जो यूजर्स के अकाउंट को वेरीफाई होने की एक पहचान देता है|
Koo ने बताया कि वह एमिनेंस, कद, उपलब्धि या प्रोफेशनल स्टेटस को मान्यता देने के लिए यूजर प्रोफाइल को येलो टिक देती है. कंपनी के मुताबिक, येलो टिक एक पहले से तय किए गए क्राइटेरिया के आधार पर होता है और और यह दिखाता है कि यूजर भारत और भारतीयों की आवाज का रिप्रेजेंट करता है. इसके साथ ही कंपनी ने ये भी बताया है कि एमिनेंस क्राइटेरिया की समीक्षा "हर साल मार्च, जून, सितंबर और दिसंबर में कू में एक विशेष टीम" से की जाएगी।
Koo पर वेरिफाई कैसे करें?
कू ने एक Google डॉक्स फ़ॉर्म जोड़ा है जिसे आप भरकर वेरीफीकेशन के लिए अप्लाई करने के लिए सबमिट कर सकते हैं। यूजर्स को पेज पर एमिनेंस वेरिफिकेशन और यहां तक कि एमिनेंस टिक को हटाने के बारे में जानकारी का एक पूरा पेज भी मिलेगा। ये दूसरे ऐप्स की तरह ही Google Play Store से डाउनलोड किया जा सकता है| यूजर अपने फोन नंबर से जरिए Koo के लिए साइन अप कर सकते हैं| यूजर्स इस प्लेटफॉर्म पर अपने विचार रख सकते हैं साथ ही दूसरे यूजर्स को Follow भी कर सकते हैं|
Koo के मुताबिक, उसके एमिनेंस टिक को खरीदा नहीं जा सकता है| यह क्राइटेरिया के आधार पर ही मिलता है| इसकी गणना के क्राइटेरिया को भारतीय संदर्भ में तैयार किया गया है और इसमें बदलाव किया जा सकता है| कंपनी के मुताबिक, Koo सभी क्षेत्रों में इसे देने के लिए प्रतिबद्ध है|