Aarogya Setu ऐप का प्राइवेसी पॉलिसी हुआ अपडेट, जानें क्या हुए हैं बदलाव

COVID-19 कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग ऐप Aarogya Setu के टर्म्स ऑफ सर्विस और प्राइवेसी पॉलिसी में बदलाव किया गया है।

By Harshit HarshEdited By: Publish:Mon, 25 May 2020 03:49 PM (IST) Updated:Mon, 25 May 2020 03:59 PM (IST)
Aarogya Setu ऐप का प्राइवेसी पॉलिसी हुआ अपडेट, जानें क्या हुए हैं बदलाव
Aarogya Setu ऐप का प्राइवेसी पॉलिसी हुआ अपडेट, जानें क्या हुए हैं बदलाव

नई दिल्ली, टेक डेस्क। COVID-19 कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग ऐप Aarogya Setu के टर्म्स ऑफ सर्विस और प्राइवेसी पॉलिसी में बदलाव किया गया है। जैसे ही आप Aarogya Setu ऐप को ओपन करेंगे आपको ये टर्म्स ऑफ सर्विस और प्राइवेसी में बदलाव वाला मैसेज प्रॉम्प्ट होगा। इसे एक्सेप्ट करने के बाद आप इस ऐप को दोबारा इस्तेमाल कर सकेंगे। सभी यूजर्स के लिए रिवाइज्ट टर्म्स ऑफ सर्विस को एक्सेप्ट करना अनिवार्य है। केन्द्र सरकार द्वारा पिछले महीने 2 अप्रैल को लॉन्च किए गए इस कोरोनावायरस कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग ऐप में 7 नए टर्म्स ऑफ सर्विस और प्राइवेसी पॉलिसी जोड़े गए हैं।

पॉलिसी में किए गए नए बदलाव में अब यूजर्स को इस ऐप से सस्पेंड नहीं किया जाएगा, चाहे वो इस ऐप के टर्म ऑफ सर्विस को पूरा कर पाते हैं या नहीं। आइए, जानते हैं नए टर्म्स ऑफ सर्विस और प्राइवेसी फीचर्स में किए गए बदलाव के बारे में..

अगर यूजर इस ऐप के टर्म ऑफ सर्विस को पूरा करने में विफल भी होते हैं तो उनको ऐप से सस्पेंड नहीं किया जाएगा। कन्विनिएंस सर्विस और ई-पास फीचर के लिए रेफ्रेंश दिया गया है। फोन साथ में नहीं रखने पर होने वाले कॉन्सिक्वेंसेज के लिए क्लारिफिकेशन का प्रावधान दिया गया है। रिवर्स इंजीनियरिंक और टैम्परिंग रिस्ट्रीक्शन को हटा दिया गया है। ये साफ किया गया है कि अगर आप इस ऐप को अपने स्मार्टफोन से डिलीट कर देते हैं या रीमूव कर देते हैं तो इसकी सेवाओं का लाभ नहीं ले सकेंगे। सरकार द्वारा लिए जाने वाले कुछ एक्सन और डिस्क्लेमर्स को जोड़ा गया है। डिफेक्ट रिपोर्टिंग करने के लिए कॉन्टैक्ट की जानकारी फीचर को जोड़ा गया है।

आपको बता दें कि इस समय भारत में लगभग 11 करोड़ यूजर्स इस ऐप का इस्तेमाल कर रहे हैं। केन्द्र सरकार और राज्य सरकारों ने इस ऐप को विमान यात्रा या रेल यात्रा करने वाले यूजर्स के लिए अनिवार्य कर दिया है। इस ऐप के बिना आप एयरपोर्ट पर एंट्री नहीं कर सकेंगे। यही नहीं, प्राइवेट और पब्लिक सेक्टर की कंपनियों में काम करने वाले सभी कर्मचारियों के लिए इस ऐप को अनिवार्य कर दिया गया है। 

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