Vastu Tips For Study Room: बच्चों का पढ़ाई में नहीं लगता मन तो वास्तु के इन दोषों का करें निवारण

Vastu Tips For Study Room कई लोगों का ऐसा मानना होता है कि हमारे जीवन पर वास्तु का असर काफी ज्यादा होता है। चाहें धन हो या करियर इसका असर हमारे जीवन में बहुत ज्यादा होता है। सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव दोनों इसी पर निर्भर करता है।

By Shilpa SrivastavaEdited By: Publish:Thu, 11 Feb 2021 01:03 PM (IST) Updated:Thu, 11 Feb 2021 01:03 PM (IST)
Vastu Tips For Study Room: बच्चों का पढ़ाई में नहीं लगता मन तो वास्तु के इन दोषों का करें निवारण
Vastu Tips For Study Room: बच्चों का पढ़ाई में नहीं लगता मन तो वास्तु के इन दोषों का करें निवारण

Vastu Tips For Study Room: कई लोगों का ऐसा मानना होता है कि हमारे जीवन पर वास्तु का असर काफी ज्यादा होता है। चाहें धन हो या करियर इसका असर हमारे जीवन में बहुत ज्यादा होता है। सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव दोनों इसी पर निर्भर करता है। माना जाता है कि अगर वास्तु दोष हो व्यक्ति की तरक्की में भी बाधा आती है। साथ ही कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इन्हीं परेशानियों में से एक है बच्चों की पढ़ाई। कई बार मेहनत करने के बाद भी बच्चों के अच्छे मार्क्स नहीं आ पाते हैं। वास्तु के अनुसार यह पढ़ाई करने की दिशा या फिर उनके कमरे में वास्‍तु दोष होने कारण भी हो सकता है। आज के इस लेख में हम आपको इन्हीं वास्तु दोषों के बारे में बता रहे हैं। हालांकि, इसका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है।

इस दिशा में मुंह कर के करनी चाहिए पढ़ाई:

जब भी बच्चा पढ़ाई करे तो उसका मुंह उत्‍तर-पूर्व या फिर उत्‍तर या पूर्व दिशा में होना चाहिए। इसे देव की दिशा मानी जाती है। ऐसा करने से मां सरस्वती की कृपा बनी रहती है। इससे बच्चों के विचार उच्च हो जाते हैं।

यहां होना चाहिए अध्‍ययन कक्ष:

बच्चों के पढ़ाई का कमरा उत्‍तर-पूर्व में होना चाहिए। इससे बच्चों का मन पढ़ाई में लगता है। साथ ही भगवान की कृपा भी बनी रहती है।

इस तरह का होना चाहिए पढ़ाई का कमरा:

एक बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि टेबल पर खेलने की वस्‍तुएं या फिर ऐसी चीज न रखें जिससे बच्चों का ध्यान भटके। टेबल पर पिरामिड, मीनार या उड़ने वाले पक्षी फीनिक्स का चित्र रखा जाए तो बेहतर होता है। इससे बच्चों के सोचना की क्षमता का विस्तार होता है। इससे बच्चों की कल्‍पनाशीलता बढ़ती है।

ऐसे बैठें:

जब भी बच्चा पढ़ाई करने बैठे तो उसकी पीठ दरवाजे की तरफ हो या पीछे कोई रुकावट रहे या फिर उनके सामने कोई खंबा या बाध रहे, इस तरह से न बैठा जाए। इससे बच्चों का मानसिक विकास रुक जाता है।

दीवारों का रंग:

बच्चों के अध्ययन का कमरा हल्‍का नीला, बादामी या फिर पीला होना चाहिए। साथ ही दीवारों पर प्रेरणादायक महापुरुषों या फिर महान वैज्ञानिकों का चित्र लगा होना चाहिए।  

डिसक्लेमर

'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी। '  

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