Vastu Tips For Students: परीक्षा में होना है सफल तो इस दिशा में करें पढ़ाई, जानें कैसा हो वास्तु

Vastu Tips For Students स्टडी रूम की गलत दिशा में उपस्थिति विद्यार्थी के लिए कई प्रकार से नकारात्मक सिद्ध होती है। वास्तु के अनुसार कुछ ऐसी दिशाएं होती हैं जहां पढ़ाई करना मानसिक तनाव और डिप्रेशन का कारण बन जाता है।

By Kartikey TiwariEdited By: Publish:Thu, 06 May 2021 09:30 AM (IST) Updated:Sun, 16 May 2021 07:13 AM (IST)
Vastu Tips For Students: परीक्षा में होना है सफल तो इस दिशा में करें पढ़ाई, जानें कैसा हो वास्तु
Vastu Tips For Students: परीक्षा में होना है सफल तो इस दिशा में करें पढ़ाई, जानें कैसा हो वास्तु

Vastu Tips For Students: स्टडी रूम की गलत दिशा में उपस्थिति विद्यार्थी के लिए कई प्रकार से नकारात्मक सिद्ध होती है। वास्तु के अनुसार कुछ ऐसी दिशाएं होती हैं, जहां पढ़ाई करना मानसिक तनाव और डिप्रेशन का कारण बन जाता है, तो कभी व्यक्ति को कितनी भी मेहनत करने पर अच्छे परिणाम प्राप्त नहीं होते हैं, इसलिए आपका यह जानना जरुरी है कि अगर आप भी ऐसी ही किसी दिशा में बैठकर पढ़ाई करते हैं, तो अपना स्थान बदल लें। आइए वास्तुकार संजय कुड़ी से जानते हैं कि वास्तु के अनुसार स्टडी करने के लिए कौन सी दिशाएं सही नहीं मानी जाती हैं।

1. पश्चिमी वायव्य

पश्चिमी वायव्य दिशा पश्चिम और उत्तर-पश्चिम दिशा के मध्य में स्थित होती है। यह स्थान पढ़ने के लिए या स्टडी रूम के लिए बिलकुल प्रतिकूल है। इस स्थान पर अगर कोई व्यक्ति पढ़ाई करता है, तो वह उसके लिए मानसिक तनाव और अवसाद का कारण बन सकती है। इस दिशा में ऐसे किसी भी कार्य को सम्पादित करने से बचना चाहिए, जिसके लिए आपको लम्बे समय तक यहां पर बैठना पड़े। विशेषतौर पर मानसिक क्षमता से जुड़े कार्य जैसे कि पढ़ाई करने के लिए यह स्थान वास्तु के सिद्धांतों के अनुरूप नहीं है।

2. दक्षिणी नैऋत्य

दक्षिणी नैऋत्य दिशा दक्षिण और दक्षिण-पश्चिम दिशा के मध्य में स्थित होती है। दक्षिणी नैऋत्य में बैठकर पढ़ने पर इम्तिहानों में बच्चों को अच्छे अंक प्राप्त नहीं होते हैं। इस दिशा में स्टडी रूम होने पर अगर विद्यार्थी बहुत अधिक परिश्रम भी करता है, तो भी अंतिम नतीजों में उसे अच्छे अंक और सफलता प्राप्त करने से वंचित रहना पड़ता है। यहां पर अध्ययन सामग्री भी रखने से बचें, तो बेहतर होगा।

3. पूर्वी आग्नेय

पूर्वी आग्नेय पूर्व दिशा और दक्षिण-पूर्व दिशा के मध्य में स्थित होती है। यह दिशा पश्चिमी वायव्य और दक्षिणी नैऋत्य की अपेक्षा बेहतर है, लेकिन फिर भी एक बहुत अच्छा विकल्प इसे नहीं माना जा सकता है। सामान्यतया पूर्वी आग्नेय में स्थित स्टडी रूम में पढ़ने से व्यक्ति किसी भी विषय का जरुरत से अधिक विश्लेषण करने लग जाता है। फलस्वरूप कार्य को समय पर और ठीक तरीके से पूरा करने की व्यक्ति की क्षमता पर नकारात्मक असर पड़ता है।

ध्यान रखने योग्य कुछ बातें

1- अगर आप स्कूली और कॉलेज शिक्षा पूरी कर चुके हैं और नौकरी प्राप्त करने के लिए पढाई कर रहे हैं, तो आपके लिए सबसे उत्तम स्थान उत्तर दिशा है।

2- अगर बच्चे पढ़ाई मन लगा कर करते हैं और फिर भी इच्छित परिणाम प्राप्त नहीं होता है तो ऐसी परिस्थिति में बच्चे के स्टडी करने के लिए पश्चिम दिशा अच्छी है| इस दिशा में बैठने पर विद्यार्थी को उसकी मेहनत के अनुरूप परिणाम जरुर मिलेंगे।

डिसक्लेमर

'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'

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