Vastu Directions: वास्तु में दिशाओं का है महत्व, जानें किस दिशा में क्या बनाएं
Vastu Directions कई लोग वास्तु के अनुसार कुछ दिशाओं को नकारात्मक या सकारात्मक दिशाओं का दर्जा देते हैं जबकि हकीकत यह है कि कोई भी दिशा शुभ या अशुभ नहीं होती बल्कि इन दिशाओं में की जाने वाली गतिविधियां उन्हें अच्छे या बुरे परिणाम प्रदान करने वाला बनाती है।
Vastu Directions: अक्सर ऐसा देखने को मिलता है कि कई लोग वास्तु के अनुसार कुछ दिशाओं को नकारात्मक या सकारात्मक दिशाओं का दर्जा दे देते हैं, जबकि हकीकत यह है कि कोई भी दिशा अपने आप में शुभ या अशुभ नहीं होती है, बल्कि इन दिशाओं में की जाने वाली गतिविधियां उन्हें अच्छे या बुरे परिणाम प्रदान करने वाला बनाती है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, प्रत्येक दिशा का अपना एक विशेष तत्व और एनर्जी होती है और उसी तत्व और एनर्जी से मिलती जुलती गतिविधियां उस दिशा में की जानी चाहिए। आइये जानते हैं वास्तुकार संजय कुड़ी से कि अलग-अलग दिशाओं को कौन सी गतिविधियां अनुकूल या प्रतिकूल बनाती हैं।
उत्तर दिशा
उत्तर दिशा को वास्तु में ऐसी दिशा माना जाता है, जिसका संबंध व्यक्ति के करियर और जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्राप्त होने वाले अवसरों से है। अगर इस दिशा को आपने खुला और साफ-सुथरा रखा हुआ है या पढ़ाई करने की व्यवस्था कर रखी है या फिर कि कैश लॉकर रखा हुआ है तो यह दिशा आपके लिए सकारात्मक होगी। अगर इस दिशा में आपने किचन का निर्माण कर लिया है, तो किचन का अग्नि तत्व उत्तर दिशा के जल तत्व को नुकसान पहुंचाएगा और यह आपके करियर के लिए प्रतिकूल सिद्ध होगा।
पूर्व दिशा
पूर्व दिशा सूर्य की दिशा है। यह दिशा किसी घर में तब शुभ मानी जाती है जब इस दिशा में कोई गार्डन बना हो, लिविंग रूम बना हो। अगर इस दिशा में स्टोर रूम जैसी गतिविधि हो रही हो, तो यह दिशा घर के निवासियों के लिए नकारात्मक हो जाती है, जिसका सर्वाधिक असर आपके सामाजिक संबंधों पर पड़ता है।
दक्षिण दिशा
दक्षिण दिशा में निर्मित बेडरूम या स्वागत कक्ष इस दिशा को वास्तु सम्मत बनाने का काम करते हैं। दक्षिण में आप क्लॉकवाइज सीढ़ियां भी बना सकते हैं। अंडरग्राउंड वाटर टैंक या सेप्टिक टैंक जैसा निर्माण इस दिशा को नकारात्मक बना देता है, इसलिए वास्तु में यह सलाह दी जाती है कि दक्षिण दिशा में आप अंडरग्राउंड वाटर या पानी से संबंधित कोई निर्माण या बड़ा गड्ढा न करें।
पश्चिम दिशा
अगर आप पश्चिम दिशा में डाइनिंग रूम, बेडरूम या अध्ययन कक्ष भी बनाते हैं, तो इससे आपके घर में रहने वाले लोगों को पश्चिम दिशा से मिलने वाले लाभ प्राप्त होंगे। परन्तु यहाँ पर अगर टॉयलेट निर्मित है, तो यह दिशा अशुभ परिणाम प्रदान करेगी और घर वालों को उनकी मेहनत के अनुरूप लाभ नहीं मिल पाएगा। अतः पश्चिम दिशा में भी अन्य दिशाओं के समान वास्तु विरुद्ध निर्माण होगा, तभी यह दिशा नकारात्मक नतीजे देगी अन्यथा कोई भी दिशा अपने आप में अशुभ या नकारात्मक नहीं होती है।
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