Vastu Tips of Furniture: वास्तु शास्त्र के मुताबिक ऐसे करें फर्नीचर का संयोजन, घर में आएगी सुख और समृद्धि
Vastu Tips of Furniture भारतीय वास्तुशास्त्र का प्रयोग केवल मकान के आर्किटेक्चर का निर्माण करने में ही नहीं बल्कि घर और उसके साजो-समान के संयोजन में भी किया जाता है। आज हम आपको बताते हैं वास्तु शास्त्र के अनुसार कैसे करें घर के फर्नीचर का संयोजन....
Vastu Tips of Furniture: भारतीय वास्तुशास्त्र का प्रयोग केवल मकान के आर्किटेक्चर का निर्माण करने में ही नहीं बल्कि घर और उसके साजो-समान के संयोजन में भी किया जाता है। हम अपने घर और ऑफिस के समानों का संयोजन वास्तु शास्त्र के नियमों के अनुरूप करें तो हमारे जीवन की सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है। मेज, कुर्सी, सोफा, बेड, डाइनिंग टेबल आदि आज लगभग सभी घरों में इस्तमाल होने वाले फर्नीचर हैं। अगर हम इनका संयोजन वास्तुशास्त्र के मुताबिक करें तो न केवल हमारा जीवन और अधिक सुविधाजनक बन जाएगा बल्कि आर्थिक दृष्टि से भी लाभ होगा। आज हम आपको बताते हैं वास्तु शास्त्र के अनुसार कैसे करें घर के फर्नीचर का संयोजन....
1- भारतीय धर्म और वास्तुशास्त्र में पीपल, बरगद, चंदन के पेड़ को पूज्य माना जाता है। इसलिए इन पेड़ों की लकड़ियों का फर्नीचर नहीं बनवाना चाहिए। मंदिर निर्माण के लिए चंदन की लकड़ी का प्रयोग किया जा सकता है।
2- वास्तु शास्त्र के अनुसार अगर संभव हो तो घर में लकड़ी के बने फर्नीचर का ही प्रयोग करना चाहिए। ये शुभ होते हैं और परिवार के लोगों में मानसिक शांति बनी रहती है। जबकि प्लास्टिक या लोहे, स्टील के बने फर्नीचर घर में नकारात्मक ऊर्जा का संचार करते हैं।
3- बड़े फर्नीचर जैसे डाइनिंग टेबल, बेड, दीवान वगैरा को कमरे की दक्षिण या पश्चिम दिशा में रखना चाहिए, जबकि मेज, कुर्सी जैसे हल्के फर्नीचर उत्तर या पूर्वी दिशा में रखना चाहिए। ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि आती है।
4- ब्रह्म स्थान यानि घर और कमरे के बीच का हिस्सा जहां तक संभव हो खाली रखना चाहिए। इस स्थान पर कोई फर्नीचर न रखें।
5- फर्नीचर खरीदते समय ध्यान रखे कि इसके कोने नुकीले न हो बल्कि गोलाई लिए हुए या चिकने होने चाहिए। ऐसे फर्नीचर हमेशा शुभ फल देते हैं।
6- फर्नीचर को हमेशा दीवरों से थोड़ा दूर करके रखना चाहिए।
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