Supermoon 2021: आज ज्येष्ठ पूर्णिमा को दिखेगा सुपरमून, जानें इस दिन की खास बातें

Supermoon 2021 हिन्दू कैलेंडर के अनुसार ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा आज 24 जून दिन गुरुवार को है। इस दिन चंद्रमा अपनी सभी कलाओं से परिपूर्ण होता है और अन्य दिनों की तुलान में सबसे अधिक चमकीला होता है। इस ज्येष्ठ पूर्णिमा पर सुपरमून दिखाई देगा।

By Kartikey TiwariEdited By: Publish:Wed, 23 Jun 2021 12:09 PM (IST) Updated:Thu, 24 Jun 2021 07:24 AM (IST)
Supermoon 2021: आज ज्येष्ठ पूर्णिमा को दिखेगा सुपरमून, जानें इस दिन की खास बातें
Supermoon 2021: आज ज्येष्ठ पूर्णिमा को दिखेगा सुपरमून, जानें इस दिन की खास बातें

Supermoon 2021: हिन्दू कैलेंडर के अनुसार ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा आज 24 जून दिन गुरुवार को है। इस दिन चंद्रमा अपनी सभी कलाओं से परिपूर्ण होता है और अन्य दिनों की तुलान में सबसे अधिक चमकीला होता है। इस ज्येष्ठ पूर्णिमा पर सुपरमून दिखाई देगा। इस दिन चंद्रमा अन्य दिनों की तुलना में थोड़ा बड़ा दिखाई देगा क्योंकि इस समय चंद्रमा पहले की तुलना में पृथ्वी से नजदीक होता है। इसका रंग थोड़ा गुलाबी दिखाई देगा, गुलाबी रंगत के कारण इसे स्ट्राबेरी मून भी कहा जाता है। यह बसंत ऋतु की अंतिम पूर्णिमा मानी जाती है।

सुपरमून के दिन चंद्रोदय

24 जून दिन गुरुवार को चंद्रमा का उदय शाम 07 बजकर 11 मिनट पर होगा। फिर धीरे-धीरे समय व्यतीत होने पर चंद्रमा गुलाबी रंगत का, आकार में बड़ा और चमकीला दिखाई देगा। इस दिन चंद्रमा के अस्त होने का समय प्राप्त नहीं हो रहा है।

सूपरमून के दिन का पंचांग

दिशाशूल: दक्षिण।

पर्व एवं त्योहार: ज्येष्ठ पूर्णिमा।

भद्रा: दोपहर 01:50 बजे तक।

विक्रम संवत 2078 शके 1943 उत्तरायन, उत्तरगोल, ग्रीष्म ऋतु ज्येष्ठ मास शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा 24 घंटे 10 मिनट तक, तत्पश्चात् प्रतिपदा ज्येष्ठा नक्षत्र 09 घंटे 11 मिनट तक, तत्पश्चात् मूल नक्षत्र शुभ योग 06 घंटे 06 मिनट तक, तत्पश्चात् शुक्ल योग वृश्चिक में चंद्रमा 09 घंटे 11 मिनट तक तत्पश्चात् धनु में।

ज्येष्ठ पूर्णिमा 2021 तिथि

ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ 24 जून को तड़के 03 बजकर 32 मिनट से हो रहा है, जो देर रात 12 बजकर 09 मिनट तक रहेगी। ऐसे में जो लोग पूर्णिमा का व्रत रखते हैं, वे 24 को पूर्णिमा व्रत रखेंगे।

पूर्णिमा का महत्व

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, चांद का पृथ्वी के जल से संबंध है। पूर्णिमा को समुद्र में ज्वार-भाटा आता है। इसके पीछे तर्क दिया जाता है कि चंद्रमा समुद्र के जल को अपनी ओर खींचता है। इस दिन जल का गुण बदलता है। पूर्णिमा को चंद्रमा अपने सबसे प्रभावी स्वरूप में होता है, इसका प्रभाव इंसानों के भावनाओं पर पड़ता है। इस वजह से पूर्णिमा के दिन लोगों को संयमित और संतुलित रहने का सुझाव दिया जाता है। इस दिनों रात में लोगों को बेचैनी या नींद न आने की समस्या हो सकती है। विशेषकर पूर्णिमा के दिन मांस और मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए।

डिसक्लेमर

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