ईमानदारी का महत्व
ईमानदारी के बराबर और कोई भी महत्वपूर्ण खोज अभी तक संसार में खोजी नहीं गई। असंख्य लोग ईमानदारी के बजाय धोखे के नकली सिक्के चलाने में अपने जीवन को बिगाड़ चुके हैं।’ संभव है कि इससे क्षणिक सफलता मिल जाए परंतु लक्ष्य कभी पूरी तरह प्राप्त नहीं होता।
जीवन विकास के सभी गुणों में ईमानदारी को उत्तम गुण माना गया है। एक अच्छा इंसान बनने के लिए अपने व्यक्तित्व को उत्कृष्ट बनाना आवश्यक होता है और इस आवश्यकता की पूर्ति यानी व्यक्तित्व का अपेक्षित विकास ईमानदारी के पथ पर चले बिना संभव नहीं हैं। स्वेट मार्डेन कहते हैं, ‘ईमानदारी के बराबर और कोई भी महत्वपूर्ण खोज अभी तक संसार में खोजी नहीं गई। असंख्य लोग ईमानदारी के बजाय धोखे के नकली सिक्के चलाने में अपने जीवन को बिगाड़ चुके हैं।’ संभव है कि इससे क्षणिक सफलता मिल जाए, परंतु लक्ष्य कभी पूरी तरह प्राप्त नहीं होता।
ईमानदारी जीवन जीने के सवरेत्तम तरीकों में से एक है। यह आपको मजबूत, जिम्मेदार, साहसी और दयालु बनाती है। ईमानदारी किसी भी नियम और कानून को नहीं तोड़ती। अनुशासित, अच्छा व्यवहार, समय की पाबंदी, सच बोलना और दूसरों की मदद करने जैसे गुणों में वस्तुत: ईमानदारी के लक्षण ही प्रति¨बबित होते है। बुरी आदतों, अनैतिक गतिविधियों और खराब व्यवहार करने से भी ईमानदारी ही हमें बचाती है। ईमानदार व्यक्ति अपने जीवन में तमाम खुशियां प्राप्त कर सकता है, क्योंकि उसे किसी असुरक्षा का कोई भय नहीं सताएगा। ऐसा व्यक्ति सर्वोच्च शक्ति से आशीर्वाद और कई चीजों में विश्वास भी आसानी से प्राप्त कर सकता है। ईमानदारी के मार्ग पर चलना थोड़ा कठिन अवश्य है, लेकिन यह मार्ग बहुत आगे जाता है और हमें हमारे लक्ष्य पहुंचाता है। बेईमान होना आसान है, लेकिन उससे कम समय के लिए ही लाभ होता है। साथ ही उससे जीवन कष्टदायक भी बन जाता है। बेईमानी का रास्ता अधिक सरल लगता है, लेकिन आगे चलकर व्यक्ति को बदनामी और नफरत के सिवा कुछ नही मिलता। बेईमान व्यक्ति की मान, प्रतिष्ठा और मन की शांति समाप्त हो जाती है। स्पष्ट है कि अगर हम जीवन में बेईमानी और झूठ का सहारा लेते हैं तो हमें लोगो द्वारा दुत्कारा जाएगा।
नृपेंद्र अभिषेक नृप