Pauranik Katha: जानें कैसा बना मां लक्ष्मी का वाहन उल्लू, पढ़ें यह पौराणिक कथा
Pauranik Katha आज शुक्रवार है और आज का दिन माता लक्ष्मी को समर्पित है। आज हम माता लक्ष्मी से जुड़ी एक पौराणिक कथा लाए हैं। इस कथा के में यह बताया गया है कि आखिर मां लक्ष्मी का वाहन उल्लू कैसे बना। तो आइए पढ़ते हैं यह कथा।
Pauranik Katha: आज शुक्रवार है और आज का दिन माता लक्ष्मी को समर्पित है। आज हम माता लक्ष्मी से जुड़ी एक पौराणिक कथा लाए हैं। इस कथा के में यह बताया गया है कि आखिर मां लक्ष्मी का वाहन उल्लू कैसे बना। तो आइए पढ़ते हैं यह कथा।
पौराणिक कथा के अनुसार, प्राणी जगत की संरचना के बाद, मां लक्ष्मी एक दिन सभी देवी-देवताओं के साथ पृथ्वी पर विचरण करने गई थीं। वहां उन्हें कई पशु-पक्षी मिले। लेकिन ये पशु-पक्षी उन्हें घुमता देखकर खुश नहीं थे। वह सभी इक्ट्ठा होकर उनके पास गए और कहने लगे कि आप हम में से किसी को भी अपना वाहन चुनें और हमें कृतार्थ करें। आप जहां जाना चाहेंगे हम आपको वहां ले चलेंगे।
देवी-देवताओं ने पशु-पक्षियों की बात मान ली। सभी ने अपना वाहन चुना। लेकिन जब लक्ष्मी जी की बारी आई तो वे सोच में पड़ गईं कि वो किसे अपना वाहन चुनें। जब तक लक्ष्मी जी अपना वाहन चुनती तब तक पशु पक्षियों में लड़ाई होने लगी गई।
मां लक्ष्मी ने उन्हें चुप कराते हुए कहा कि हर वर्ष कार्तिक अमावस्या के दिन मैं पृथ्वी पर विचरण करने आती हूं। उसी दिन मैं किसी एक को अपना वाहन चुनुंगी। फिर कार्तिक अमावस्या आई और सभी पशु-पक्षी आंखें बिछाए मां का इंतजार करने लगे। रात के समय लक्ष्मीजी धरती पर पधारी। उन्हें अपनी तेज नजरों से उल्लू ने देख लिया। वो उनके पास गया और प्रार्थना की वो उसे ही अपना वाहन चुनें।
लक्ष्मीजी ने चारों तरफ देखा। लेकिन उन्हें वहां कोई भी पशु-पक्षी नजर नहीं आया। वहां उन्हें उल्लू के अलावा कोई नजर नहीं आया। फिर उन्होंने उल्लू को ही अपना वाहन स्वीकर कर लिया।
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