Parshuram Jayanti Date 2021: आज है परशुराम जयंती, जानें तिथि, पूजा मुहूर्त एवं महत्व

Parshuram Jayanti Date 2021 भगवान विष्णु के छठे अवतार के जन्मदिवस के रुप में हर वर्ष परशुराम जयंती मनाई जाती है। परशुराम जयंती हिन्दू कैलेंडर के अनुसार हर वर्ष वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है।

By Kartikey TiwariEdited By: Publish:Wed, 12 May 2021 11:50 AM (IST) Updated:Fri, 14 May 2021 06:28 AM (IST)
Parshuram Jayanti Date 2021: आज है परशुराम जयंती, जानें तिथि, पूजा मुहूर्त एवं महत्व
Parshuram Jayanti Date 2021: आज है परशुराम जयंती, जानें तिथि, पूजा मुहूर्त एवं महत्व

Parshuram Jayanti Date 2021: भगवान विष्णु के छठे अवतार के जन्मदिवस के रुप में हर वर्ष परशुराम जयंती मनाई जाती है। परशुराम जयंती हिन्दू कैलेंडर के अनुसार हर वर्ष वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, परशुराम जी का जन्म प्रदोष काल में तृतीया तिथि में हुआ था। ऐसे में परशुराम जयंती का उत्सव भी प्रदोष काल में ही मनाया जाना चाहिए। इस वर्ष परशुराम जयंती आज 14 मई दिन शुक्रवार को है। इस अक्षय तृतीया भी है। इस दिन सोना खरीदना शुभ माना जाता है। जागरण अध्यात्म में जानते हैं कि परशुराम जयंती के दिन पूजा का मुहूर्त, तृतीया तिथि और इसका महत्व क्या है।

परशुराम जयंती 2021

हिन्दी पंचांग के अनुसार, इस वर्ष वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि का प्रारंभ 14 अप्रैल दिन शुक्रवार को प्रात:काल 05 बजकर 38 मिनट पर हो रहा है। इस तिथि का समापन 15 अप्रैल दिन शनिवार को सुबह 07 बजकर 59 मिनट पर होना है। तृतीया तिथि का प्रदोष काल 14 मई को प्राप्त हो रहा है, ऐसे में इस वर्ष परशुराम जयंती 14 मई को मनाया जाएगा। इस दिन राहुकाल दिन में 10 बजकर 36 मिनट से दोपहर 12 बजकर 18 मिनट तक है। जन्मोत्सव के समय राहुकाल का ध्यान अवश्य रखें।

परशुराम जयंती पूजा मुहूर्त

धार्मिक मतों के अनुसार यदि प्रदोष काल में परशुराम जयंती मनाना उत्तम रहता है तो आपको 14 मई को प्रदोष काल में परशुराम जी का जन्मोत्सव मनाना चाहिए। प्रदोष काल सूर्यास्त के बाद और रात्रि से पूर्व के समय को कहा जाता है। इस दिन सूर्यास्त शाम को 07 बजकर 04 मिनट पर होगा।

परशुराम जयंती का महत्व

परशुराम जयंती का महत्व तो आप इस बात से ही जान गए होंगे कि परशुराम जी भगवान विष्णु के छठे अवतार थे। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार परशुराम जी एक मात्र ऐसे अवतार हैं, जो आज भी पृथ्वी पर जीवित हैं। दक्षिण भारत के उडुपी के पास परशुराम जी का बड़ा मंदिर है। कल्कि पुराण के अनुसार, जब कलयुग में भगवान विष्णु के 10वें अवतार कल्कि अवतरित होंगे, तो परशुराम जी ही उनको अस्त्र-शस्त्र में पारंगत करेंगे। भगवान राम से मुलाकात के बाद परशुराम जी भगवान विष्णु के अन्य अवतार से मिलेंगे।

chat bot
आपका साथी