Origin Of Maa Kali: इस तरह हुआ था मां काली का जन्म, जानें-क्यों हुई थीं अवतरित
Origin Of Maa Kali प्राचीन समय में बहुत ही शक्तिशाली असुर था जिसका नाम दारुण था। उसे वरदान मिला था कि उसकी मृत्यु किसी पुरुष के नहीं बल्कि एक स्त्री के हाथों ही हो सकती है। उसके अत्याचार से सभी देवतागण दुखी थे।
Origin Of Maa Kali: प्राचीन समय में बहुत ही शक्तिशाली असुर था, जिसका नाम दारुण था। उसे वरदान मिला था कि उसकी मृत्यु किसी पुरुष के नहीं, बल्कि एक स्त्री के हाथों ही हो सकती है। उसके अत्याचार से सभी देवतागण दुखी थे। इस परेशानी से निजात पाने के लिए सभी देवता ब्रह्मा जी के पास पहुंचे। ब्रह्मा जी ने इस समस्या का निदान करने के लिए स्त्री का रूप धारण किया और दारुण का वध करने चले गए। लेकिन युद्ध में वो दारुण को हरा नहीं पाए। इसके बाद सभी देवतागण ब्रह्मा जी के साथ शिव शंकर के पास गए। सभी ने उनसे मदद मांगी।
शिव जी से सभी प्रार्थना करने लगे। इस दौरान शिव जी ने मुस्कुराते हुए माता पार्वती की तरफ देखा। उन्हें इशारे में समझाया। इस पर माता पार्वती ने एक अंश निकाला जो उनकी ही शक्ति थी। यह अंश एक चमकता हुआ तेज था। यह अंश देखते ही देखते भगवान शिव के नीलकंठ से होते हुए उनके शरीर में प्रवेश कर गया। फिर भगवान ने अपना तीसरा नेत्र खोला। इससे तीनों लोग भय से कांपने लगे। उनकी तीसरी आंख खुली और उससे एक शक्ति बाहर निकली। यह देख सभी देवता भयभीत हो गए।
यह शक्ति एक विशाल और रौद्र में थी। शक्ति का रंग काला गहरा और जुबान लाल थी। उनके चेहरे पर तेज ऐसा था मानो आग हो। माथे पर तीसरा नेत्र भी था। इसी तरह जन्म हुआ मां काली का। कुछ ही देर में मां काली ने दारुण और उसके सभी साथियों का विनाश कर दिया।
इसके बाद उन्होंने कुछ ही देर में असुर दारुण और उसकी सेना का नाश कर दिया। हालांकि, उन सभी का नाश कर भी मां काली का गुस्सा शांत नहीं हुआ। ऐसे में उनका गुस्सा शांत करने के लिए शिव जी ने एक बच्चे का रूप धारण किया। इस रूप में ही वो मां काली के सामने आ गए। उन्हें देखते ही मां काली का गुस्सा शांत हो गया।