Navratri Havan Date: कन्या पूजन तथा नवरात्रि का हवन आज, जानें दुर्गा पूजा व्रत उद्यापन की तिथि

Navratri Havan Date आज महानवमी तथा दशमी दोनों ही तिथियां लग रही हैं। महानवमी का हवन आज किया जाएगा। इसके उपरांत ही कन्या पूजन संपन्न होगा। आज के दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा होगी। जानें व्रत का उद्यापन तथा पारण कब होगा।

By Kartikey TiwariEdited By: Publish:Fri, 23 Oct 2020 08:59 AM (IST) Updated:Sun, 25 Oct 2020 06:14 AM (IST)
Navratri Havan Date: कन्या पूजन तथा नवरात्रि का हवन आज, जानें दुर्गा पूजा व्रत उद्यापन की तिथि
नवरात्रि का उद्यापन, हवन तथा शस्त्र पूजा किस दिन की जाएगी।

Navratri Havan Date 2020: आज महानवमी तथा दशमी दोनों ही तिथियां लग रही हैं। महानवमी का हवन आज किया जाएगा। इसके उपरांत ही कन्या पूजन संपन्न होगा। आज के दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा होगी।नवरात्रि के नौ दिन मां दुर्गा के विभिन्न स्वरुपों की आराधना के लिए निर्धारित होता है। हालांकि, मां दुर्गा की पूजा के लिए नवरात्रि की सभी तिथियां महत्वपूर्ण होती हैं। लेकिन महा अष्टमी या दुर्गा अष्टमी और महानवमी को बेहद अहम माना जाता है। महाष्टमी के दिन महागौरी तथा महानवमी के दिन मां सिद्धिदात्री की विधि विधान से पूजा की जाती है। महाष्टमी तथा महानवमी के दिन लोग अपने यहां कन्या पूजा या कंजक पूजा करते हैं तथा नवरात्रि का हवन करते हैं। हवन के साथ ​ही नौ दिन की नवरात्रि व्रत का उद्यापन भी पारण के साथ किया जाता है। इस बार नवरात्रि की तिथियों को लेकर लोगों में कुछ अस्पष्टता की स्थिति है, ऐसे में जानते हैं कि इस वर्ष नवरात्रि का उद्यापन, हवन तथा शस्त्र पूजा किस दिन की जाएगी।

शारदीय नवरात्रि हवन का मुहूर्त

नवरात्रि की नवमी तिथि का प्रारंभ 24 अक्टूबर दिन शनिवार को सुबह 06 बजकर 58 मिनट से हो रहा है, जो 25 अक्टूबर को सुबह 07 बजकर 41 मिनट तक है। ऐसे में नवमी 25 अक्टूबर को है तथा महानवमी का हवन भी रविवार की सुबह होगा। नवमी के दिन प्रात:काल में हवन के लिए 01 घंटा 13 मिनट का समय है। आपको सुबह 06 बजकर 28 मिनट से प्रात:काल 07 बजकर 41 मिनट के मध्य कर लेना चाहिए।

इसके अलावा जो लोग महाष्टमी या दुर्गा अष्टमी के दिन हवन करते हैं तो दुर्गा अष्टमी का व्रत 24 अक्टूबर को है। इस दिन महानवमी की तिथि लग जा रही है। उस दिन सुबह 06 बजकर 58 मिनट से शाम को 05 बजकर 42 मिनट तक हवन का मुहूर्त है।

कन्या पूजन

हवन के बाद ही ​कन्या पूजन किया जाता है। ऐसे में दुर्गा अष्टमी या महानवमी के हवन के बाद कन्या पूजन कर लें। इसमें 02 से 10 वर्ष की आयु की 9 कन्याओं और एक छोटे बालक को भोज कराया जाता है। बालक बटुक भैरव का रूप होते हैं।

नवरात्रि व्रत उद्यापन एवं पारण

यदि आपके यहां दुर्गा अष्टमी के दिन ही हवन होता है तो आप कन्या पूजन के बाद व्रत का उद्यापन कर सकते हैं और पारण करके व्रत को पूरा कर सकते हैं। अन्यथा महानवमी के दिन हवन के बाद कन्या पूजा करें, उनसे आशीर्वाद लेने के बाद नवरात्रि व्रत का उद्यापन पारण के साथ करें।

दशहरा शस्त्र पूजा का मुहूर्त

दशहरा के दिन शस्त्र पूजा की जाती है। इस बार नवमी और दशमी एक ही दिन 25 अक्टूबर रविवार को है। ऐसे में विजयादशमी या दशहरा की शस्त्र पूजा रविवार को होगा। उस दिन का विजय मुहूर्त दोपहर 01 बजकर 57 मिनट से दोपहर 02 बजकर 42 मिनट तक है। ऐसे में आप शस्त्र पूजा आप विजय मुहूर्त में संपन्न कर लें।

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