Navratri 2021: नवरात्रि नवमी के दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा, सभी मनोकामनाएं होती हैं पूर्ण

Navratri 2021 नवरात्रि के नौवें दिन देवी के नवम् स्वरूप सिद्धिदात्री के पूजन-अर्चन से भक्त के जीवन में अद्भुत सिद्धि और क्षमता प्राप्त होती है। इसके फलस्वरूप पूर्णता के साथ सभी कार्य संपन्न होते हैं। सिद्धि संपूर्णता का प्रतीक है।

By Kartikey TiwariEdited By: Publish:Wed, 21 Apr 2021 10:39 AM (IST) Updated:Wed, 21 Apr 2021 10:39 AM (IST)
Navratri 2021: नवरात्रि नवमी के दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा, सभी मनोकामनाएं होती हैं पूर्ण
Navratri 2021: नवरात्रि नवमी के दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा, सभी मनोकामनाएं होती हैं पूर्ण

Navratri 2021: नवरात्रि के नौवें दिन देवी के नवम् स्वरूप सिद्धिदात्री के पूजन-अर्चन से भक्त के जीवन में अद्भुत सिद्धि और क्षमता प्राप्त होती है। इसके फलस्वरूप पूर्णता के साथ सभी कार्य संपन्न होते हैं। जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है कि सिद्धिदात्री की कृपा प्राप्त होने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। सिद्धि संपूर्णता का प्रतीक है, इसलिए सिद्धियां प्राप्त होने पर सच्चे मन से स्मरित समस्त मनोकामनाएं बिना विघ्न-बाधा के पूरी होती हैं।

सभी सिद्धियां प्रदान करती हैं देवी

नवरात्रि में देवी आराधना कर सिद्धि प्राप्त करना जीवन के हर स्तर में संपूर्णता प्रदान करना है। इस शक्ति विग्रह में माता दुर्गा अपने भक्तों को ब्रह्मांड की सभी सिद्धियां प्रदान करती हैं। देवी भागवत पुराण के अनुसार, भगवान शिव ने भी इन्हीं की कृपा से सिद्धियों को प्राप्त किया था। इन्हीं की कृपा से भगवान शिव का आधा शरीर देवी का हुआ और वे लोक में अर्द्धनारीश्वर के रूप में स्थापित हुए।

मां सिद्धिदात्री का स्वरुप

नवरात्रि के अंतिम दिन भक्त और योगी साधक इन्हीं माता सिद्धिदात्री की शास्त्रीय विधि-विधान से पूजा करते हैं। माता सिद्धिदात्री चतुर्भुज और सिंहवाहिनी हैं। ये सिंह पर तथा अचला रूप में कमल पुष्प आसन पर बैठती हैं। माता के दाहिनी ओर के नीचे वाले हाथ में चक्त्र और ऊपर वाले हाथ में गदा रहती है। बाईं ओर के नीचे वाले हाथ में शंख तथा ऊपर वाले हाथ में कमल पुष्प रहता है।

नवरात्रि के नौवें दिन मां की पूजा-अर्चना कर विभिन्न प्रकार के अनाज, जैसे- हलवा, पूरी, चना, खीर, पुए आदि का भोग लगाने से जीवन में सब प्रकार से सुख-शांति का वरदान प्राप्त होता है।

मां सिद्धिदात्री का बीज मंत्र है

ॐ ऐं ह्रीं क्लीं सिद्धिदात्र्यै नम:।

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