Motivational Story: समानुभूति से आती है समझ, पढ़ें दुकानदार और ग्राहक की यह प्रेरक कथा

Motivational Story कई बार हम दूसरे को महत्वहीन समझते हैं लेकिन ऐसा होता नहीं है। हर व्यक्ति या जीव का अपना ही महत्व है। आज पढ़ें एक उेसी प्रेरक कथा जिसमें ग्राहक दुकानदार को बताता है उसके मूल्यहीन कुत्ते का महत्व।

By Kartikey TiwariEdited By: Publish:Wed, 20 Oct 2021 01:30 PM (IST) Updated:Wed, 20 Oct 2021 01:30 PM (IST)
Motivational Story: समानुभूति से आती है समझ, पढ़ें दुकानदार और ग्राहक की यह प्रेरक कथा
Motivational Story: समानुभूति से आती है समझ, पढ़ें दुकानदार और ग्राहक की यह प्रेरक कथा

Motivational Story: हर व्यक्ति का जीवन एक समान नहीं होता है और न ही प्रत्येक व्यक्ति एक समान होता है। हर व्यक्ति की भावनाएं और अनुभूति अलग अलग होती है। हालांकि कई बार परिस्थितियों और चुनौतियों से व्यक्ति के विचार और भावनाएं परिपक्व होती हैं। कई बार हम दूसरे को महत्वहीन समझते हैं, लेकिन ऐसा होता नहीं है। हर व्यक्ति या जीव का अपना ही महत्व है। आज पढ़ें एक उेसी प्रेरक कथा, जिसमें ग्राहक दुकानदार को बताता है उसके मूल्यहीन कुत्ते का महत्व।

एक व्यक्ति पिल्ला खरीदने के लिए एक दुकान पर गया। वहां देसी-विदेशी नस्ल के पिल्ले थे। दुकानदार हर पिल्ले की विशेषता बता रहा था- सर, यह डाबरमैन है, यह बहुत चौकन्ना, बुद्धिमान और वफादार है..। इसे लोग ज्यादातर चौकीदारी के लिए रखते हैं। ..सर, यह देखिए जर्मन शेफर्ड.. यह किसी से नहीं डरता, बस मालिक का वफादार होता है.. तभी तो मिलिट्री में इसका इस्तेमाल किया जाता है..।

लेकिन पिल्ला खरीदने आए युवक के चेहरे पर कोई भाव नहीं आया। उसने दूकान में पीछे खड़े एक पिल्ले की ओर इशारा किया और बोला- और वह पिल्ला..? नहीं सर..। वह आपके लिए नहीं है। उसकी एक टांग टूटी हुई है। वह दौड़ नहीं सकता.. घर की रखवाली भी नहीं कर सकता। दुकानदार बोला।

मैं उसे ही लेना चाहता हूं। कम से कम मैं उसे समझ पाऊंगा और वह मुझे..। दुकानदार के चेहरे पर प्रश्नचिह्न खिंच गया। उसके संशय को दूर करने के लिए व्यक्ति ने अपने पैंट की मोहरी ऊपर की और अपना कृत्रिम पैर निकाल कर सामने रख दिया..।

कथा-मर्म: समानुभूति किसी को भी अच्छे ढंग से समझने में सहायक होती है।

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