Motivational story: अहंकार आपके अच्छे कामों को भी ढक देता है, पढ़ें यह प्रेरक कथा
Motivational story हर व्यक्ति अच्छा एवं बुरा कार्य करता है। अच्छा काम यश देता है और बुरा काम बदनामी। इस कारण सभी को अवगुण का त्याग करना चाहिए। आज हम पढ़ते हैं भगवान बुद्ध और एक व्यापारी की प्रेरक कथा।
Motivational story: हर व्यक्ति अच्छा एवं बुरा कार्य करता है। अच्छा काम यश देता है और बुरा काम बदनामी। इनके बीच आपका गुण और अवगुण भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। आपका एक अवगुण आपके अच्छे कामों पर पर्दा डाल देता है। इस कारण सभी को अवगुण का त्याग करना चाहिए। आज हम पढ़ते हैं भगवान बुद्ध और एक व्यापारी की प्रेरक कथा।
भगवान बुद्ध और व्यापारी
महात्मा बुद्ध की कीर्ति चारों ओर फैल चुकी थी। एक बार वह एक नगर में पधारे। वहां उनसे मिलने नगर के गण्यमान लोग आए। उनमें नगर के धनाढ्य सेठ जी भी थे। वह बुद्ध से मिले और उन्हें बहुत सारी चीजें उपहार में दीं। वह बुद्ध को यही बताते रहे कि वे कितने प्रभावशाली और धनवान व्यक्ति हैं।
उन्होंने बताया कि उन्होंने नगर में इतने अस्पताल और स्कूल बनवाए हैं। यह मंच और वह कीमती सिंहासन, जिस पर बुद्ध बैठे हैं, वह भी उनके द्वारा ही तैयार कराया गया है। बुद्ध सुनते रहे। जब वह चलने लगे तो बुद्ध ने कहा-आप जो कुछ भी मेरे लिए लाए थे, वह सब कुछ यहीं छोड़कर जाइए। कुछ लेकर मत जाइए।
सेठ ने कहा- महात्मन। मैं तो जो कुछ लाया था, यहीं छोड़ कर जा रहा हूं। बुद्ध ने कहा-आप जो भौतिक चीजें लाए हैं, वे मेरे काम की नहीं। मेरा प्रयोजन तो तब पूर्ण होगा, जब आप अपने अहंकार को भी यहीं छोड़कर जाएं। बुद्ध की बात सुनकर सेठ को अपनी गलती का एहसास हुआ और उन्होंने अपने अहंकार को दूर करने का वचन दिया।
कथा का सार
दिखावा और अहंकार सदैव अच्छे प्रयोजन से किए गए कार्यों को भी मलिन कर देता है।
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