Makar Sankranti 2021: मकर संक्रांति के दिन क्यों खाई जाती है खिचड़ी? जानें इसका महत्व

Makar Sankranti 2021 आज देशभर में मकर संक्रांति का त्यौहार मनाया जा रहा है। यह त्यौहार विशेष महत्व रखता है। इस दिन सूर्य उत्तरायण होते हैं। इसका मतलब पृथ्‍वी का उत्तरी गोलार्द्ध सूर्य की तरफ मुड़ जाता है। इस दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं।

By Shilpa SrivastavaEdited By: Publish:Thu, 14 Jan 2021 07:30 AM (IST) Updated:Thu, 14 Jan 2021 02:03 PM (IST)
Makar Sankranti 2021: मकर संक्रांति के दिन क्यों खाई जाती है खिचड़ी? जानें इसका महत्व
Makar Sankranti 2021: मकर संक्रांति के दिन क्यों खाई जाती है खिचड़ी? जानें इसका महत्व

Makar Sankranti 2021: आज देशभर में मकर संक्रांति का त्यौहार मनाया जा रहा है। यह त्यौहार विशेष महत्व रखता है। इस दिन सूर्य उत्तरायण होते हैं। इसका मतलब पृथ्‍वी का उत्तरी गोलार्द्ध सूर्य की तरफ मुड़ जाता है। इस दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं। देश के हर राज्य में इसे अलग-अलग नाम से जाना जाता है। जहां उत्तर प्रदेश में इसे खिचड़ी कहा जाता है। वहीं, उत्तराखंड में घुघुतिया या काले कौवा, असम में बिहू और दक्षिण भारत में इसे पोंगल के नाम से जाना जाता है। हर कोई इस त्यौहार को अपनी तरह पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाता है। इस दिन को कई जगहों पर खिचड़ी कहा जाता है। इनमें उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश शामिल हैं। ऐसे में यहां के लोग इस दिन खिचड़ी बनाते हैं और खाते हैं।

मकर संक्रांति पर क्यों खाई जाती है खिचड़ी:

मान्यता के अनुसार, चावल को चंद्रमा का प्रतीक माना जाता है। वहीं, शनि का प्रतीक उड़द की दाल और बुध का प्रतीक हरी सब्जियां होती हैं। ऐसे में यह कहा जाता है कि अगर कुंडली में ग्रहों की स्थिति मजबूत करनी है तो मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी खानी चाहिए। इस दिन कई जगहों पर लोग खिचड़ बनाते और खाते हैं। खिचड़ी में चावल, काली दाल, नमक, हल्दी, मटर और सब्जियां डाली जाती हैं।

इस दिन कई जगहों पर सूर्य की पूजा की जाती है। इनमें मुख्यत: बनारस और इलाहाबाद के घाट आते हैं। यहां पर लोग आते हैं और स्नान कर सूर्य की पूजा करते हैं। वहीं, जो लोग घाट पर नहीं जा पाते हैं वो घर पर ही नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करते हैं। इस दिन नहाना बेहद जरूरी होता है। वहीं, नहाने के बाद तिल और गुड़ का प्रसाद भी खाया जाता है। इस दिन खिचड़ी खाई जाती हैं और दान भी की जाती है।

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