Maa Katyayani Katha: जानें कौन हैं नवरात्रि के छठे दिन पूजी जाने वाली मां कात्यायनी, पढ़ें यह कथा
Maa Katyayani Katha नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की आराधना की जाती है। इस दिन जो व्यक्ति मां की उपासना करता है उसे अर्थ धर्म काम और मोक्ष चारों फलों की प्राप्ति होती है। साथ ही रोग शोक संताप और भय सभी नष्ट हो जाते हैं।
Maa Katyayani Katha: नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की आराधना की जाती है। इस दिन जो व्यक्ति मां की उपासना करता है उसे अर्थ, धर्म, काम और मोक्ष चारों फलों की प्राप्ति होती है। साथ ही रोग, शोक, संताप और भय सभी नष्ट हो जाते हैं। मान्यताओं के अनुसार, कात्य गोत्र में विश्वप्रसिद्ध महर्षि कात्यायन ने भगवती पराम्बा की कठिन तपस्या की थी। उन्हें पुत्री चाहिए थी और तपस्या के फल में उन्हें पुत्री की प्राप्त हुई। महर्षि कात्यायन के घर जन्मी इस देवी का नाम देवी कात्यायनी हुआ।
माना जाता है कि मां की कृपा से सभी काम पूरे हो जाते हैं। इन्हें वैद्यनाथ नामक स्थान पर पूजा जाता है। मां व्यक्ति की हर इच्छा को पूरा करती हैं। ये अमोघ फलदायिनी हैं। ब्रज की गोपियों के साथ कालिंदी यमुना के तट पर इन्होंने पूजा की थी क्योंकि ये भगवान कृष्ण को पति के रूप में पाना चाहती थीं। इन्हें ब्रजमंडल की अधिष्ठात्री देवी के रूप में पूजा जाता है। इनका स्वरूप अत्यंत भव्य और दिव्य है। इनकी 4 भुजाएं हैं और ये स्वर्ण के समान चमकीली हैं।
मां की 4 भुजाएं हैं। दाईं तरफ का ऊपर वाला हाथ अभयमुद्रा में है तथा नीचे वाला हाथ वर मुद्रा में। बाईं तरफ का ऊपर वाले हाथ में तलवार और नीचे वाले में कमल का फूल है। मां का वाहन सिंह है। मान्यता है कि जो व्यक्ति पूरी श्रद्धा और सच्चे मन के साथ मां कात्यायनी की आराधना और उपासना करता है उसे अर्थ, धर्म, काम और मोक्ष की प्राप्ति होती है। साथ ही उसके सभी दुखों का नाश होता है। इसी कारण कहा भी जाता है कि मां कात्यायनी की पूजा करने से परम पद की प्राप्ति होती है। मां कात्यायनी को पसंदीदा रंग लाल है। माना जाता है कि मां को शहद का भोग लगाने से मां बेहद प्रसन्न हो जाती हैं।
डिसक्लेमर
'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी। '