ऊर्जा: जीवन निर्माण- किस्मत हर इंसान के दरवाजे खटखटाती है, पास तभी आएगी, जब दरवाजे से अंदर आने देंगे
अगर आप किसी बड़े प्रतिष्ठान में उच्च पद पर हैं या आपका बड़ा व्यापार है तो साथ काम करने वाले लोगों की अच्छाइयों को उनके अच्छे कार्यों को देखकर धन्यवाद दीजिए और उस कार्य का उन्हें श्रेय दीजिए। जीवन निर्माण की शुरुआत ऐसे ही छोटे-छोटे उपक्रमों से हो सकती है।
वे लोग जिन्होंने दुनिया बदली है हमेशा परंपरा से हटकर चले हैं। एक बड़ा प्रश्न है कि हम सब जब किसी महान आदमी या किसी महानता के निमित्त हैं तो फिर स्वयं महान क्यों नहीं बन सकते? एक प्रश्न स्वयं से पूछिए कि आप अपने साथ अच्छी चीजें घटित होने की संभावनाओं को कैसे और क्यों रोक रहे हैं? किस्मत तो हर इंसान के दरवाजे खटखटाती है, लेकिन वह आपके पास तभी आएगी, जब आप दरवाजा खोलकर उसे अंदर आने देंगे।
भगवान बुद्ध ने कहा कि पुण्य करने में जल्दी करो, कहीं ऐसा न हो कि आप पुण्य का विश्वास ही खो दो। भगवान महावीर ने कहा कि जागो, प्रमाद मत करो, क्योंकि प्रमाद में कृत-अकृत का विवेक ही खो जाएगा। उन्होंने कहा कि सोए मन की ऊर्जा का अपव्यय होता है, उपयोग नहीं। इसलिए सोए से जागना जरूरी है।
यहां सोए से जागने के कुछ तरीके हो सकते हैं। जैसे-अपनी जिदंगी के किसी भाग्यशाली या स्वर्णिम अवसर को याद करें, जो देने की क्रिया से उपजा था। दूसरे लोगों का प्यार भरा और उदार व्यवहार स्वीकार कीजिए, क्योंकि दूसरे लोगों के मन में भी देने की इच्छा होती है। जिस तरह देने में सुख है उसी तरह लेने में भी सुख की मानसिकता को विकसित कीजिए, क्योंकि किस्मत बनाने के लिए आपको ग्रहणशील और सहज-स्वाभाविक होने की जरूरत है। इसके अलावा जब कोई आपकी तारीफ करे तो आप उसे शुक्रिया कहने से कभी इन्कार न करें। दूसरे लोगों की तारीफ कीजिए। किसी मित्र के लिए फूल ले जाइए। किसी को जन्मदिन, वैवाहिक वर्षगांठ या किसी सफलता पर शुभकामनाएं दीजिए। अगर आप किसी बड़े प्रतिष्ठान में उच्च पद पर हैं या आपका स्वयं कोई बड़ा व्यापार है तो साथ काम करने वाले लोगों की अच्छाइयों को, उनके अच्छे कार्यों को देखकर धन्यवाद दीजिए और उस कार्य का उन्हें श्रेय दीजिए। जीवन निर्माण की शुरुआत ऐसे ही छोटे-छोटे उपक्रमों से हो सकती है।
- ललित गर्ग