Mangala Gauri Vrat 2021: जानिए, कौन हैं मां मंगला गौरी और क्या है उनके व्रत का विधान और महात्म

Mangala Gauri Vrat 2021 मंगला गौरी माता पार्वती का ही एक रूप हैं। माता पार्वती को गौरी के नाम से भी जाना जाता है उन्हीं के मंगल स्वरूप को मंगला गौरी कहा जाता है। आइए जानते हैं मां मंगला गौरी और उनके व्रत के महात्म के बारे में...

By Jeetesh KumarEdited By: Publish:Sun, 01 Aug 2021 05:40 PM (IST) Updated:Sun, 01 Aug 2021 05:40 PM (IST)
Mangala Gauri Vrat 2021: जानिए, कौन हैं मां मंगला गौरी और क्या है उनके व्रत का विधान और महात्म
जानिए, कौन हैं मां मंगला गौरी और क्या है उनके व्रत का विधान और महात्म

Mangala Gauri Vrat 2021: मंगला गौरी, माता पार्वती का ही एक रूप हैं। माता पार्वती को गौरी के नाम से भी जाना जाता है, उन्हीं के मंगल स्वरूप को मंगला गौरी कहा जाता है। मंगला गौरी का व्रत सावन के हर मंगलवार को रखने का विधान है। मान्यता है कि मंगला गौरी का व्रत अखण्ड़ सौभाग्य की प्राप्ति और सुखी वैवाहिक जीवन की मंगल कामना से रखा जाता है। सावन का दूसरा मंगला गौरी व्रत 03 अगस्त को पड़ रहा है। आइए जानते हैं मां मंगला गौरी और उनके व्रत के विधान और महात्म के बारे में...

मां मंगला गौरी

मंगला गौरी, आदि शक्ति माता पार्वती का ही मंगल रूप हैं। इन्हें मां दुर्गा के आठवें स्वरूप महागौरी के नाम से भी जाना जाता है। नवरात्रि के आठवें दिन देवी के इसी रूप का पूजन होता है। पौराणिक कथा के अनुसार माता पर्वती ने भगवान शिव को पति स्वरूप में पाने के लिए कठोर तप किया। जिस कारण उनका रंग काला पड़ गया था। लेकिन भगवान शंकर ने गंगा जल से प्रयोग से मां को फिर गोरा रंग प्रदान किया। जिस कारण इनका नाम महागौरी पड़ गया। मां मंगला गौरी श्वेत वस्त्र धारण करती हैं और श्वेत आभूषण भी, इसलिए इन्हें श्वेतांबरी भी कहा जाता है।

व्रत का विधान और मुहूर्त

मंगला गौरी माता अखण्ड सौभाग्य दायिनी, सुखी और मंगल वैवाहिक जीवन का आशीर्वाद देती है। भविष्य पुराण के अनुसार अखण्ड़ सौभाग्य और संतान प्राप्ति की कामना से मंगला गौरी व्रत रखने का विधान है। मंगला गौरी का व्रत सावन माह के हर मंगलवार को रखा जाता है। इस व्रत में दिन में केवल एक बार भोजन कर माता पार्वती का पूजन किया जाता है। ये व्रत विशेष रूप से सुहागिन स्त्रियां रखती है।

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