Jivitputrika Vrat 2021: जानिए क्या है जितिया या जीवित्पुत्रिका व्रत का महाभारत से संबध

Jivitputrika Vrat 2021 पंचांग के अनुसार आश्विन मास की कृष्ण अष्टमी के दिन जितिया या जीवित्पुत्रिका का व्रत रखा जाता है। इस साल ये व्रत 29 सितंबर दिन बुधवार को पड़ रहा है। इस व्रत का संबध महाभारत से भी है आइए जानते हैं उस कथा के बारे में...

By Jeetesh KumarEdited By: Publish:Sun, 26 Sep 2021 02:42 PM (IST) Updated:Mon, 27 Sep 2021 07:38 AM (IST)
Jivitputrika Vrat 2021: जानिए क्या है जितिया या जीवित्पुत्रिका व्रत का महाभारत से संबध
जानिए क्या है जितिया या जीवित्पुत्रिका व्रत का महाभारत से संबध

Jivitputrika Vrat 2021: पंचांग के अनुसार प्रत्येक वर्ष आश्विन मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी के दिन जितिया का व्रत रखा जाता है। जितिया व्रत को ही जीवित्पुत्रिका एवं जिउतिया व्रत भी कहा जाता है। ये व्रत माताएं और सुहागिन महिलाएं पुत्र प्राप्ति व उनकी दीर्ध आयु की कामना के लिए रखती हैं। जितिया व्रत में व्रती महिलाएं पूरे दिन निर्जला व्रत रखती हैं। व्रत का पारण नवमी तिथि को भगवान सूर्य को अर्घ्य दे कर किया जाता है। इसके बाद ही अन्न और जल ग्रहण किया जाता है। इस वर्ष जितिया या जीवित्पुत्रिका का व्रत 29 सितंबर, दिन बुधवार को पड़ रहा है। इस व्रत का संबध महाभारत से भी है, आइए जानते हैं उस कथा के बारे में...

जितिया व्रत का महाभारत से संबध

महाभारत युद्ध में अपने पिता गुरु द्रोणाचार्य की मृत्यु का बदला लेने के लिए अश्वत्थामा पांडवों के शिविर में घुस गया था। शिविर के अंदर उसने पांच लोग को सोया हुआ पाया। अश्वत्थामा ने उन्हें पांडव समझकर मार दिया, परंतु वे द्रोपदी की पांच संतानें थीं। इससे नाराज हो कर अुर्जन ने अश्वत्थामा को बंदी बना लिया और उसकी दिव्य मणि को उसके माथे से निकाल लिया। लेकिन गुरू पुत्र होने के कारण उसे मारा नहीं।

अश्वत्थामा ने एक बार फिर से बदला लेने के लिए अभिमन्यु की पत्नी उत्तरा के गर्भ में पल रहे बच्चें को मारने का प्रयास किया। उसने ब्रह्मास्त्र का प्रयोग कर उत्तरा के गर्भ को नष्ट कर दिया। तब भगवान श्रीकृष्ण ने उत्तरा की अजन्मी संतान को फिर से जीवित कर दिया। गर्भ में मरने के बाद फिर से जीवित होने के कारण उसे परिक्षित के नाम से जाना गया। इस घटना को जीवित्पुत्रिका कहा जाता है। उस दिन से ही संतान की लंबी उम्र के लिए जितिया या जीवित्पुत्रिका का व्रत रखा जाता है।

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