Parivartini Ekadashi Vrat 2021: जानें, परिवर्तनी एकादशी व्रत के विशेष नियम और पूजा का महात्म
Parivartini Ekadashi Vrat 2021 पंचांग के अनुसार परिवर्तनी एकादशी का व्रत इस साल 17 सितंबर दिन शुक्रवार को पड़ रहा है। इस एकादशी को जल झुलनी या पद्मा एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। आइए जानते हैं परिवर्तनी एकादशी व्रत के कुछ विशेष नियमों के बारे में....
Parivartini Ekadashi Vrat 2021:पंचांग के अनुसार परिवर्तनी एकादशी का व्रत इस साल 17 सितंबर, दिन शुक्रवार को पड़ रहा है। परिवर्तनी एकादशी के व्रत का सभी एकादशी व्रत में विशेष महत्व है। इस एकादशी को जल झुलनी या पद्मा एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु के वामन अवतार के पूजन का विधान है। साथ ही इस दिन लक्ष्मी जी की भी पूजा की जाती है इसलिए इसे पद्मा एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन विधि पूर्वक भगवान विष्णु का व्रत रखने एवं पूजन करने से समस्त पापों से मुक्ति मिलती है तथा मृत्यु के बाद बैकुंठ लोक की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं परिवर्तनी एकादशी व्रत के कुछ विशेष नियमों के बारे में....
1-परिवर्तनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु के व्रत और पूजन का विधान है। इस दिन भक्त अपनी श्रद्धा और सामर्थ्य अनुसार फलाहार या निर्जल व्रत भी रखते हैं।
2- विधान के अनुसार परिवर्तनी एकादशी का व्रत दशमी की तिथि से ही प्रारंभ हो जाता है तथा इसका पारण द्वादशी तिथि पर करना चाहिए।
3- एकादशी के व्रत में अन्न ग्रहण नहीं करना चाहिए, बल्कि एक दिन पूर्व दशमी तिथि के सूर्यास्त के बाद से अन्न ग्रहण न करें।
4- परिवर्तनी एकादशी या अन्य एकादशी के दिन भी जो लोग व्रत नहीं भी रख रहे हों, उन्हें चावल नहीं खाना चाहिए।
5- एकादशी के व्रत के दिन झूठ नहीं बोलना चाहिए तथा इस दिन ब्रह्मचर्य का पालन करें।
6- परिवर्तनी एकादशी के दिन घर के किसी भी सदस्य को मांस, मदिरा आदि तामसिक भोजन से बचना चाहिए।
7- परिवर्तनी एकादशी के व्रत का पारण गरीब ब्राह्मण को भोजन कराके या सीधा दान करने करना चाहिए।
8- परिवर्तनी एकादशी का व्रत रखने से वाजपेय यज्ञ के समान फल प्राप्त होता है।
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