Kartik Purnima 2020: देवों की दिवाली है कार्तिक पूर्णिमा, जानें शुभ मुहूर्त और महत्व

Kartik Purnima 2020 कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि (पूर्णिमा का दिन) को कार्तिक पूर्णिमा कहा जाता है। एक पौराणिक कथा के अनुसार देवता अपनी दिवाली कार्तिक पूर्णिमा की रात को ही मनाते हैं। इसलिए यह सबसे महत्वपूर्ण दिनों में से एक है।

By Shilpa SrivastavaEdited By: Publish:Wed, 25 Nov 2020 07:39 AM (IST) Updated:Sat, 28 Nov 2020 12:00 PM (IST)
Kartik Purnima 2020: देवों की दिवाली है कार्तिक पूर्णिमा, जानें शुभ मुहूर्त और महत्व
Kartik Purnima 2020: देवों की दिवाली है कार्तिक पूर्णिमा, जानें शुभ मुहूर्त और महत्व

Kartik Purnima 2020: कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि (पूर्णिमा का दिन) को कार्तिक पूर्णिमा कहा जाता है। एक पौराणिक कथा के अनुसार, देवता अपनी दिवाली कार्तिक पूर्णिमा की रात को ही मनाते हैं। इसलिए, यह सबसे महत्वपूर्ण दिनों में से एक है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन स्नान और दान को अधिक महत्व दिया जाता है। इस दिन किसी भी पवित्र नदी में स्नान करने से मनुष्य के सभी पाप धूल जाते हैं। कार्तिक पूर्णिमा पर दीप दान को भी विशेष महत्व दिया जाता है। माना जाता है कि इस दिन दीप दान करने से सभी देवताओं का आशीर्वाद मिलता हैं। आइए जानते हैं कार्तिक पूर्णिमा की तिथि और महत्व।

कार्तिक पूर्णिमा 2020 तिथि:

इस वर्ष, कार्तिक पूर्णिमा 30 नवंबर को मनाई जाएगी। पूर्णिमा तिथि 29 नवंबर को दोपहर 12:47 बजे से शुरू होकर 30 नवंबर को दोपहर 2:59 बजे समाप्त होती है।

कार्तिक पूर्णिमा का महत्व:

एक पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान शिव ने त्रिपुरारी का अवतार लिया था और इस दिन को त्रिपुरासुर के नाम से जाना जाने वाले असुर भाइयों की एक तिकड़ी को मार दिया था। यही कारण है कि इस पूर्णिमा का एक नाम त्रिपुरी पूर्णिमा भी है। इस प्रकार अत्याचार को समाप्त कर भगवान शिव ने शांति बहाल की थी। इसलिए, देवताओं ने राक्षसों पर भगवान शिव की विजय के लिए श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए इस दिन दीपावली मनाई थी। कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान शिव की विजय के उपलक्ष्य में, काशी (वाराणसी) के पवित्र शहर में भक्त गंगा के घाटों पर तेल के दीपक जलाकर और अपने घरों को सजाकर देव दीपावली मनाते हैं।

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