Janmashtami 2020: कृष्ण से सीखें: दुर्योधन का मेवा त्यागा, साग विदुर घर खाई
Janmashtami 2020 जन्माष्टमी की तैयारियों में पूरा देश भक्तिमय है। कोरोना के चलते सभी त्यौहारों पर सेलिब्रेशन का फीकापन देखने को मिला है।
Janmashtami 2020: जन्माष्टमी की तैयारियों में पूरा देश भक्तिमय है। कोरोना के चलते सभी त्यौहारों पर सेलिब्रेशन का फीकापन देखने को मिला है, और वो लाजिमी भी है ताकि आप और हम सुरक्षित रहें। घरों में जन्माष्टमी मनाएं, ईश्वर महाउत्सव के नहीं भावना के भूखे हैं। हमारे जीवन में बहुत कुछ ऐसा है जो हम भगवान श्री कृष्ण से सीख सकते हैं। सबसे पहले तो उत्सव न मना कर साधारण रूप में भी कोई काम किया जा सकता है, ये श्रीकृष्ण के जीवन से सीखने को मिलता है। अब आप पूछेंगे कि भला कैसे.. तो एक भजन की पंक्तियां पहले बता देते हैं।
कहा गया है-
दुर्योधन का मेवा त्यागा, साग विदुर घर खाई
सबसे ऊंची, प्रेम सगाई
जी हां, प्रेम के भावना के आस्था के बंधन से भगवान कतई मुक्त नहीं हैं। हस्तिनापुर के साधारण से कर्मचारी विदुर के घर का साग खाने वाले और युवराज दुर्योधन का मेवा त्याग देने वाले कृष्ण सिखाते हैं कि तामझाम में कुछ नहीं रखा, मन का संतोष तलाशिए। ऊंच नीच, गरीब अमीर के कारा को तोड़ डालिए। कृष्ण के जीवन से लाखों चीजें सीखने की हैं, जिसमें सबसे अहम यही है कि सभी भेदभाव भुला डालिए।
अब चलते चलते ये भी जान लेते हैं कि आखिर जन्माष्टमी मनाई क्यों जाती है? रक्षाबंधन के बाद भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को जन्माष्टमी मनाई जाती है। श्रीकृष्ण देवकी और वासुदेव के 8वें पुत्र थे। मथुरा नगरी का राजा कंस था, जो कि बहुत अत्याचारी था। उसके अत्याचार दिन-प्रतिदिन बढ़ते ही जा रहे थे। एक समय आकाशवाणी हुई कि उसकी बहन देवकी का 8वां पुत्र उसका वध करेगा। यह सुनकर कंस ने अपनी बहन देवकी को उसके पति वासुदेवसहित काल-कोठारी में डाल दिया। कंस ने देवकी के कृष्ण से पहले के 7 बच्चों को मार डाला। जब देवकी ने श्रीकृष्ण को जन्म दिया, तब भगवान विष्णु ने वासुदेव को आदेश दिया कि वे श्रीकृष्ण को गोकुल में यशोदा माता और नंद बाबा के पास पहुंचा आएं, जहां वह अपने मामा कंस से सुरक्षित रह सकेगा। श्रीकृष्ण का पालन-पोषण यशोदा माता और नंद बाबा की देखरेख में हुआ। बस, उनके जन्म की खुशी में हर साल जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जाता है।