Janmashtami 2020: राधा-कृष्ण की लीला का प्रतीक है राधाकृष्ण कुंड, जानें इसके बारे में

Radha Krishna Kund आज भी कई जगहों कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जा रही है। भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं के बारे में हम सभी जानते हैं। ये लीलाएं भारतीय जनमानस में रच बस चुकी हैं।

By Shilpa SrivastavaEdited By: Publish:Wed, 12 Aug 2020 07:30 AM (IST) Updated:Wed, 12 Aug 2020 01:54 PM (IST)
Janmashtami 2020: राधा-कृष्ण की लीला का प्रतीक है राधाकृष्ण कुंड, जानें इसके बारे में
Janmashtami 2020: राधा-कृष्ण की लीला का प्रतीक है राधाकृष्ण कुंड, जानें इसके बारे में

Radha Krishna Kund: आज भी कई जगहों कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जा रही है। भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं के बारे में हम सभी जानते हैं। ये लीलाएं भारतीय जनमानस में रच बस चुकी हैं। इन्हीं में से एक लीला, प्रेम लीला भी है। प्रेम के प्रतीक भगवान श्री कृष्ण और राधा एक दूसरे के हृदय में बसते हैं। इतने प्रेम के बाद भी एक बार ऐसा हुआ था राधा जी कृष्ण जी से दूर रहने लगी थीं। सिर्फ यही नहीं, राधा रानी ने तो कृष्ण जी से यह भी कह दिया था कि उन्हें छूना मत। इसके पीछे भी एक पौराणिक कथा है। इस कथा में राधाकृष्ण कुंड कैसे बना इसका वर्णन किया गया है। तो चलिए सुनते हैं यह कथा।

कंस ने भगवान श्रीकृष्ण को मारने के लिए असुर अरिष्टासुर को भेजा था। लेकिन श्रीकृष्ण ने उस असुर का वध कर दिया था। कहा जाता है कि अरिष्टासुर कान्हा की गायों के बीच एक बैल का रूप धारण कर आया था। ऐसे में जब श्रीकृष्ण ने उस बैल को यानी अरिष्टासुर का वध किया तब राधा और अन्य गोपियों को लगा कि श्रीकृष्ण ने बैल को मारा है और गौ हत्या की है। सभी ने कृष्ण को गौ का हत्यारा मान लिया था।

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श्रीकृष्ण ने राधा जी को बहुत समझाया कि उन्होंने बैल को नहीं मारा। वो एक असुर था। हालांकि, यह सुनकर भी राधा रानी नहीं मानी। इस पर श्रीकृष्ण ने अपनी एड़ी जमीन पर पटक दी। बांसुरी बजाई। ऐसा करने से वहां एक जल की धारा बहना शुरू हो गई और यह एक कुंड बन गया। श्रीकृष्ण ने सभी तीर्थों से आग्रह किया कि वो यहां आएं। सभी तीर्थ वहां उपस्थित हो गए। सभी ने इस कुंड में प्रवेश किया। फिर श्रीकृष्ण ने इस कुंड में स्नान किया। जब श्रीकृष्ण ने इस कुंड में स्नान किया तब उन्होंने कहा कि जो भी व्यक्ति इस कुंड में स्नान करेगा उसे सभी तीर्थोंका पुण्य प्राप्त होगा। यह कुंड आज भी गोवर्धन पर्वत की तलहटी में राधाकृष्ण कुंड के रुप में स्थित है। लोग भारी संख्या में इस तीर्थ के दर्शन करने आते हैँ।

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