Lakshmi Nrayana Yoga: आज लक्ष्मी नारायण योग में करें इन मंत्रों से मां लक्ष्मी को प्रसन्न

Lakshmi Nrayana Yoga ज्योतिषशास्त्रियों के अनुसार इस शुक्रवार को लक्ष्मी नारायण योग का निर्माण हो रहा है। इस योग में मां लक्ष्मी का पूजन करने से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है तथा जीवन में कभी अन्न और धन की कोई कमी नहीं होती है।

By Jeetesh KumarEdited By: Publish:Thu, 23 Sep 2021 04:26 PM (IST) Updated:Fri, 24 Sep 2021 07:47 AM (IST)
Lakshmi Nrayana Yoga: आज लक्ष्मी नारायण योग में करें इन मंत्रों से मां लक्ष्मी को प्रसन्न
आज लक्ष्मी नारायण योग में करें इन मंत्रों से मां लक्ष्मी को प्रसन्न

Lakshmi Nrayana Yoga: हिंदू धर्म की मान्यता अनुसार शुक्रवार का दिन माता लक्ष्मी के पूजन को समर्पित होता है। माना जाता है कि इस दिन मां लक्ष्मी पूजन करने से शीघ्र प्रसन्न होती है और भक्तों को सुख, संपत्ति का वर देती हैं। ज्योतिषशास्त्रियों के अनुसार इस शुक्रवार को लक्ष्मी नारायण योग का निर्माण हो रहा है। जो कि माता लक्ष्मी के पूजन के लिए अत्यंत शुभ योग है। इस योग में मां लक्ष्मी का पूजन करने से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है तथा जीवन में कभी अन्न और धन की कोई कमी नहीं होती है। आइए जानते है कल बन रहे लक्ष्मी नारायण योग और इस योग में मां लक्ष्मी के पूजन के बारे में....

लक्ष्मी नारायण योग

ज्योतिषाचार्यों की गणना के अनुसार बुध और शुक्र ग्रह की युति से लक्ष्मी नारायण योग का निर्माण हो रहा है। इसके साथ ही कल शुक्रवार का दिन होन के कारण ये दिन लक्ष्मी मां की कृपा प्राप्त करने से के लिए अत्यंत शुभ योग है। ज्योतिष गणना के अनुसार शुक्र ग्रह 06 सितंबर से तुला राशि में स्थित है और बुध ग्रह के 22 सितंबर को तुला राशि में प्रवेश करने से लक्ष्मी नारायण योग का निर्माण हुआ है। लक्ष्मी नारायण योग को शुभ योग माना जाता है। इस योग में पूजन से धन और संपन्नता की देवी मां लक्ष्मी की विशेष कृपा की प्राप्ति होती है।

मां लक्ष्मी के पूजन के विशेष मंत्र

शुक्रवार और विशिष्ट लक्ष्मी नारयण योग पर मां लक्ष्मी का व्रत रखते हुए विधि पूर्वक पूजन करें। लक्ष्मी को पूजन में इत्र, सुगंधित चंदन और मखाने की खीर जरूर अर्पित करें। इसके बाद मां लक्ष्मी के इन मंत्रों के जाप से इच्छा अनुसार फल की प्राप्ति करें...

-ऊँ ह्रीं श्रीं क्लीं महालक्ष्म्यै नम:।

-ऊँ ह्रीं श्रीं क्लीं अर्ह नम: महालक्ष्म्यै धरणेंद्र पद्मावती सहिते हूं श्री नम:।

-ऊँ ह्रीं ह्रीं श्री लक्ष्मी वासुदेवाय नम:।

-ऊँ ह्रीं श्री क्रीं क्लीं श्री लक्ष्मी मम गृहे धन पूरये, धन पूरये, चिंताएं दूरये-दूरये स्वाहा:।

डिस्क्लेमर

''इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना में निहित सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्म ग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारी आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना के तहत ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।''

 

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