पौष माह में इस तरह करें सूर्य पूजा, जानें क्या है सूर्य को अर्घ्य देने का महत्व
हिंदू कैलैंडर के मुताबिक यह पौष मास चल रहा है। पौष मास में सूर्यदेव की पूजा का विशेष महत्व है। सूर्यदेव को प्रसन्न करने के लिए सुबह के समय सूर्य को अर्घ्य देना अच्छा होता है। सूर्य को देवता का दर्जा दिया गया है।
हिंदू कैलैंडर के मुताबिक, यह पौष मास चल रहा है। पौष मास में सूर्यदेव की पूजा का विशेष महत्व है। सूर्यदेव को प्रसन्न करने के लिए सुबह के समय सूर्य को अर्घ्य देना अच्छा होता है। सूर्य को देवता का दर्जा दिया गया है। जैसा कि हमने आपको बताया हिंदू पंचांग के मुताबिक, अभी पौष का महीना चल रहा है। यह 28 जनवरी तक चलेगा। इस पूरे महीने अगर सूर्यदेव की पूजा की जाए तो बेहद ही शुभ होता है। इसका महत्व बेहद ही खास होता है। मान्यता है कि इस महीने जो व्यक्ति किसी एक रविवार को व्रत करता है और तिल-खिचड़ी का भोग लगता है वह तेजस्वी बनता है। तो चलिए जानते हैं कि पौष माह में कैसे सूर्यदेव की पूजा की जाती है।
सूर्य को अर्घ्य देने का महत्व:
सूर्य को सुबह-सुबह अर्घ्य देना बेहद शुभ होता है। पौष महीना ठंड का मौसम होता है और इस दौरान लोगों को त्वचा संबंधी रोग होने की संभावना बनी रहती है। ऐसे में पौष माह में जो व्यक्ति रोजाना सूर्य को अर्घ्य देता है उसका शरीर सूर्य की किरणों के संपर्क में आता है। इससे त्वचा के रोग कम हो जाते हैं। साथ ही हड्डियों का दर्द भी खत्म हो जाता है।
कैसे करें सूर्य की पूजा:
सुबह सूर्योदय से पहले उठ जाएं फिर स्नानादि से निवृत्त हो जाएं। इसके बाद उगते हुए सूर्य का दर्शन करें। फिर ॐ घृणि सूर्याय नम: का जाप करें और जल भी अर्पित करें। जो जल सूर्य को अर्पित कर रहे हैं उसमें लाल रोली और लाल फूल मिलाएं। इसके बाद अर्घ्य दें। इसके बाद लाल आसन पर बैठे। ध्यान रहे कि आपका मुंह पूर्व दिशा में रहे। फिर सूर्य मंत्र का जाप कम से कम 108 बार करें।
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