Lata Mangeshkar Birthday: लता मंगेशकर को कैसे मिला इतना मधुर स्वर? जानें क्या कहती है उनकी कुंडली

Lata Mangeshkar Birthday प्रसिद्ध गायिका लता मंगेशकर का जन्म 28 सितम्बर 1929 को अश्लेषा नक्षत्र के प्रथम चरण में मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में हुआ था। आज इनका 91वां जन्मदिन है। इनके पिता का नाम दीनानाथ मंगेशकर था।

By Shilpa SrivastavaEdited By: Publish:Mon, 28 Sep 2020 08:30 AM (IST) Updated:Mon, 28 Sep 2020 08:42 AM (IST)
Lata Mangeshkar Birthday: लता मंगेशकर को कैसे मिला इतना मधुर स्वर? जानें क्या कहती है उनकी कुंडली
क्या कहती है मधुर वाणी वाली लता मंगेशकर की कुंडली, अश्लेषा नक्षत्र में हुआ था इनका जन्म

Lata Mangeshkar Birthday: प्रसिद्ध गायिका लता मंगेशकर का जन्म 28 सितम्बर 1929 को अश्लेषा नक्षत्र के प्रथम चरण में मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में हुआ था। आज इनका 91वां जन्मदिन है। इनके पिता का नाम दीनानाथ मंगेशकर था। इनके पिता भी संगीत और कला से जुड़े हुए थे। इनकी माता का नाम शेवांती मंगेशकर था। ज्योतिष के अनुसार, इनके जन्म के समय वृषभ और मिथुन लग्न का संधिकाल चल रहा था। इसलिए जन्म लग्न में तो वृषभ राशि है और भाव लग्न में मिथुन राशि है। उस समय एकादशी तिथि और सिद्धियोग का भी संयोग था। चलिए जानते हैं इनकी कुंडली इनके लिए क्या कहती है। लेकिन उससे पहले हम उन सभी को जन्मदिन की शुभकामनाएं देना चाहते हैं जो 28 सितंबर को रणबीर कपूर के साथ अपना जन्मदिन मना रहे हैं।

ज्योतिषाचार्य पं. दयानंद शास्त्री के अनुसार, लता मंगेशकर की जन्म कुंडली में बुध की महादशा उनको 1929-1945 तक प्रभावित करती रही जोकि बुध की सारी खूबियां इनके अंदर रही और इसी ने इनको मधुर वाणी प्रदान की। इनकी कुंडली वृषभ लग्न और कर्क राशि की है। इनकी कुंडली में लग्नेश शुक्र केंद्र में स्थित है तथा लग्न में बृहस्पति है। ये दोनों ही स्थितियां फलित ज्योतिष में श्रेष्ठ मानी गई हैं। लग्न स्थित बृहस्पति को श्रेष्ठ फल देने वाला माना गया है। इनकी कुंडली में लग्न में बृहस्पति होना उन्हें विवेकशीलता और सौम्य प्रवर्ति देता है। साथ ही पंचम भाव में बना बुधादित्य योग उन्हें बुद्धिमान और श्रेष्ठ निर्णय लेने में कुशल बनाता है। इसके अलावा शनि का आठवें भाव में होना भी व्यक्ति को दीर्घायु देता है।

लता मंगेशकर जी की जन्म कुंडली मे पंचम भाव में बुध होने के कारण संगीत का क्षेत्र उनको अपने पिता से विरासत से ही मिला। गुरु बारहवें स्थान पर होने के कारण उनको ज्ञान को बांटने का काफी शौक रहा लेकिन इसी कारण उनको अपनी पढ़ाई के सुख नहीं मिल पाया। इसी महादशा के समय में उनको कई असफलताओं का सामना करना पड़ा। लेकिन केतू बुध के योग ने उनको कई भाषा का ज्ञान दिया। मंगल बुध के योग के कारण उनके स्वभाव मे गुस्से वाली प्रवृति रही और इसी योग के कारण उनको अपने पूरे परिवार का मुखिया बनकर पालने की क्षमता प्रदान की।

लता मंगेशकर की जन्म कुंडली में अभी गुरु की महादशा चल रही है जो की 2013 से 2029 तकहै और यह इनको प्रभावित करती रहेगी। 2013 से 2015 तक गुरु में गुरु का समय चला जिसने एक आदर्शवादी महिला के रूप मे युवाओं का मार्गदर्शक मार्ग दर्शन किया। 2015 से 2017 तक गुरु मे शनि का समय काफी परेशानी वाला रहा। 2023 से 2024 में इनको सूर्य से अच्छे परिणाम देखने को मिलेंगे।

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