Guru Ravidas Jayanti 2021: आज है रविदास जयंती, जानें कब और कहां हुआ था जन्म

Guru Ravidas Jayanti 2021 आज संत रविदास जयंती है। इन्हें संत रैदास और भगत रविदास जी के नाम से भी जाना जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार गुरु रविदास जी का जन्म माघ माह की पूर्णिमा तिथि को वर्ष 1398 में हुआ था।

By Shilpa SrivastavaEdited By: Publish:Fri, 26 Feb 2021 12:35 PM (IST) Updated:Sat, 27 Feb 2021 10:15 AM (IST)
Guru Ravidas Jayanti 2021: आज है रविदास जयंती, जानें कब और कहां हुआ था जन्म
Guru Ravidas Jayanti 2021: आज है रविदास जयंती, जानें कब और कहां हुआ था जन्म

Guru Ravidas Jayanti 2021: आज संत रविदास जयंती है। इन्हें संत रैदास और भगत रविदास जी के नाम से भी जाना जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, गुरु रविदास जी का जन्म माघ माह की पूर्णिमा तिथि को वर्ष 1398 में हुआ था। ऐसा कहा जाता है कि जिस दिन रविदास जी का जन्म हुआ था उस दिन रविवार था। इसी के चलते इनका नाम रविदास पड़ा। गुरू रविदास जयंती को दुनियाभर के लाखों द्वारा बेहद ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। आइए जानते हैं इनके जन्म और जीवन से जुड़ी कुछ अहम बातें।

कब हुआ था रविदास जयंती:

माघ पूर्णिमा यानी 27 फरवरी, शुक्रवार को रविदास जयंती है। इनकी जयंती बेहद धूमधाम से मनाई जाती है। इस दौरान जयंती का समय अर्थात पूर्णिमा का समय 26 फरवरी, शुक्रवार दोपहर 3 बजकर 51 मिनट से लेकर 27 फरवरी, शनिवार दोपहर 1 बजकर 45 मिनट तक का है।

कहां हुआ था गुरु रविदास जी का जन्म:

ऐसा कहा जाता है कि गुरु रविदास जी का जन्म यूपी के काशी में हुआ था। ऐसे में इनके जन्मदिन यानी माघ पूर्णिमा के दिन दुनियाभर से लाखों लोग काशी पहुंचते हैं। यहां पर भव्य उत्सव मनाया जाता है। साथ ही रविदास जयंती को सिख धर्म के लोग बेहद ही श्रद्धा से मनाते हैं। इस दिन के दो दिन पहले गुरु ग्रंथ साहिब का अखंड पाठ किया जाता है। इसे पूर्णिमा के दिन समाप्त किया जाता है। इसके बाद कीर्तन दरबार होता है। साथ ही रागी जत्था गुरु रविदास जी की वाणियों का गायन करते हैं। 

डिसक्लेमर

'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'

chat bot
आपका साथी