Guru Gobind Singh Jayanti: गुरु गोविंद सिंह जयंती विशेष, पढ़ें इक ओंकार सतनाम करता पुरख...

Guru Gobind Singh Jayanti 2021 Special गुरु गोविंद सिंह सिखों के 10वें गुरु थे। इन्हीं के जन्मदिन पर ही गुरु गोविंद सिंह जी जयंती मनाई जाती है। उन्होंने अपने जीवन के माध्यम से दूसरों के लिए एक मिसाल कायम की।

By Shilpa SrivastavaEdited By: Publish:Wed, 20 Jan 2021 05:00 AM (IST) Updated:Wed, 20 Jan 2021 06:13 AM (IST)
Guru Gobind Singh Jayanti: गुरु गोविंद सिंह जयंती विशेष, पढ़ें इक ओंकार सतनाम करता पुरख...
Guru Gobind Singh Jayanti: गुरु गोविंद सिंह जयंती विशेष, पढ़ें इक ओंकार सतनाम करता पुरख...

Guru Gobind Singh Jayanti 2021 Special: आज गुरु गोविंद सिंह जयंती है। गुरु गोविंद सिंह सिखों के 10वें गुरु थे। इन्हीं के जन्मदिन पर ही गुरु गोविंद सिंह जी जयंती मनाई जाती है। उन्होंने अपने जीवन के माध्यम से दूसरों के लिए एक मिसाल कायम की। वो हमेशा ही धार्मिकता और समानता के लिए खड़े रहे हैं। ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार, गुरु गोविंद सिंह की जयंती हर साल दिसंबर या जनवरी में पड़ती है। हालांकि, गुरु की जयंती का वार्षिक उत्सव नानकशाही कैलेंडर के अनुसार होता है। इस वर्ष यह 20 जनवरी आज पड़ रहा है। मान्यता के अनुसार, यह इनकी 354वीं जयंती है। खालसा पंथ के संस्थापक गुरु गोविंद सिंह का जन्म पटना में हुआ था।

गुरु गोविंद जयंती के दिन सिख समुदाय के लोग एक साथ प्रार्थना करते हैं। साथ ही जुलूस निकालते हैं। इस दिन कई भक्ति गीत गाए जाते हैं। जुलूस निकालते समय वे रास्ते में आने वाले गुरुद्वारा पर रुकते हैं और विशेष प्रार्थना करते हैं। गुरु गोविंद सिंह जयंती पर सिख परिवार जरुरतमंदों को दान करते हैं। साथ ही लोग गरीबों को भोजन वितरित करते हैं। इस दिन गुरुद्वारे में गुरु नानक गुरु वाणी गाई जाती है। यह है इक ओंकार सतनाम... इक ओंकार सिख धर्म के मूल दर्शन का प्रतीक है। यह कहता है कि 'परम शक्ति एक ही है'। सिखों के लिए इस गुरुवाणी का महत्व बहुत ज्यादा है। इसे बेहद ही शुभ माना जाता है। तो आइए पढ़ते हैं गुरु नानक गुरु वाणी-

गुरु नानक गुरु वाणी-

इक ओंकार सतनाम करता पुरख..

अकाल मूरत

अजूनी सभम

गुरु परसाद जप आड़ सच जुगाड़ सच

है भी सच नानक होसे भी सच

सोचे सोच न हो वे

जो सोची लाख वार

छुपे छुप न होवै

जे लाइ हर लख्ता

रउखिया पुख न उतरी

जे बनना पूरिया पार

सहास्यांपा लाख वह है

ता एक न चले नाल

के वे सच यारा होइ ऐ

के वे कूड़े टूटते पाल

हुकुम रजाई चलना नानक लिखिए नाल  

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