Govardhan Parvat Parikrama 2019: गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा में इन बातों का रखें विशेष ध्यान

Govardhan Parvat Parikrama 2019 गोवर्धन पूजा के दिन गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा की जाती है जिससे विशेष फल की प्राप्ति होती है और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

By Kartikey TiwariEdited By: Publish:Mon, 28 Oct 2019 11:12 AM (IST) Updated:Mon, 28 Oct 2019 11:12 AM (IST)
Govardhan Parvat Parikrama 2019: गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा में इन बातों का रखें विशेष ध्यान
Govardhan Parvat Parikrama 2019: गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा में इन बातों का रखें विशेष ध्यान

Govardhan Parvat Parikrama 2019: आज खासतौर पर मथुरा, वृंदावन और गोकुल समेत उत्तर भारत के कई हिस्सों में गोवर्धन पूजा मनाया जा रहा है। इस दिन गौ माता और गोवर्धन की पूजा का विधान है। गोवर्धन पूजा हर वर्ष दिवाली के अगले दिन मनाया जाता है। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, गोवर्धन पूजा हर साल कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा को होता है। इस दिन खासतौर पर गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा की जाती है, जिससे विशेष फल की प्राप्ति होती है और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

गिरिराज हैं गोवर्धन पर्वत, लेकिन हर दिन घटती है ऊंचाई

गोवर्धन पर्वत मथुरा से 26 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। हिन्दू धर्म में इसका विशेष महत्व है। द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं का यह साक्षी रहा है। इसके कण-कण भगवान श्रीकृष्ण का वास समझा जाता है। गोवर्धन पर्वत को गिरिराज की उपाधि प्राप्त है। ऐसी मान्यता है कि गोवर्धन पर्वत 30 हजार मीटर ऊंचा था लेकिन अब संभवत: 30 मीटर ही रह गया है। पुलस्त्य ऋषि के श्राप के कारण यह हर दिन एक मुट्ठी घट जाता है।

आइए जानते हैं कि गोवर्धन पूजा के दिन गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा करने के समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

1. कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा के दिन गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा करने से पूर्व आपको मानसी गंगा में स्नान कर स्वयं को पवित्र कर लेना चाहिए।

2. जिस स्थान से आपने गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा प्रारंभ की है, उसी स्थान पर आकर उसे पूर्ण करें।

3. गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा के समय आपको सभी चिंताओं को छोड़कर भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति में रम जाना चाहिए। उनकी भक्ति से ही आपको मनोवांछित फल की प्राप्ति होगी। वे ही एक मात्र हैं, जिनकी कृपा से अपको इस जीवन के जन्म-मरण से मुक्ति मिल सकती है। आप मोक्ष की प्राप्ति कर बैकुण्ठ जा सकते हैं।

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4. यदि आप शादीशुदा हैं, तो आपको अपने जीवनसाथी के साथ गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा करनी चाहिए। इस बात का भी ध्यान रखें कि परिक्रमा के दौरान गोवर्धन पर्वत आपके दाएं तरफ रहे।

5. गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा करते समय मदिरा, धूम्रपान आदि चीजों का त्याग कर देना चाहिए।

6. जो लोग शारीरिक तौर पर कमजोर हों या फिर कोई परेशानी हो तो परिक्रमा न करें। भक्ति भाव से गोवधर्न पूजा कर लें।

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